वित्तीय कठिनाइयों के बीच चुनावी साल में उत्तराखंड की भाजपा सरकार के पिटारे से कोविड से प्रभावित लोगों के लिए एक और राहत पैकेज निकाला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान 118.35 करोड़ रुपये के इस राहत पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज का लाभ राज्य सरकार की स्वरोजगार योजना से जुड़े लाभार्थियों और आजीविका मिशन से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों के कुल सात लाख 54 हजार 984 लोगों को मिलेगा।
पिछले करीब डेढ़ माह के कार्यकाल में धामी सरकार का यह तीसरा राहत पैकेज है। इससे पूर्व वह पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के लिए 206 करोड़ का और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र के कोविड वारियर्स के लिए 200 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों में मुख्यत: राज्य की महिलाएं कार्य करती हैं। वे पहाड़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कोविड महामारी के कारण इन महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं के लाभार्थियों के व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इन्हें राहत देने के लिए इस पैकेज का निर्णय लिया गया है।
स्वयं सहायता समूहों के ब्याज की प्रतिपूर्ति होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पैकेज के तहत उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं आईएलएसपी में गठित 30,365 महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके लिए गए ऋण पर 24.82 करोड़ रुपये की ब्याज प्रतिपूर्ति की जाएगी।
पांच-पांच लाख का एकमुश्त अनुदान मिलेगा
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित 159 संकुल स्तर संगठन (सीएलएफ) को प्रति सीएलएफ पांच-पांच लाख रूपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा। इस पर कुल 7.95 करोड़ खर्च होंगे।
छह महीने तक स्वयं सहायता समूहों को दो हजार रुपये
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं आईएलएसपी के के तहत गठित सक्रिय प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को छह महीने तक दो-दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इससे 42989 समूहों को फायदा होगा, जिन पर सरकार कुल 51.59 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों के लिए घोषणा
– मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में लाभार्थियों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह की दर से छह माह के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज प्रतिपूर्ति। इस पर नौ करोड़ रुपये लागत आएगी।
– मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के ऋण खाता धारकों को छह माह के लिए ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी अनुमानित लागत एक करोड़ रुपये है।
– युवा कल्याण एवं प्रांतीय विकास दल के युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों से जुड़े करीब 20 हजार समूहों को स्वावलंबन के लिए छह माह तक दो-दो हजार की आर्थिक सहायता। कुल 24 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।