यूक्रेन पर रूसी आक्रमण लगातार तेज हो रहा है। वहीं अब पुतिन की सेना यूक्रेन पर कब्जा करने के करीब पहुंच गई है, दूसरी ओर पुतिन ने भी अन्य देशों को धमकी दे डाली है कि कोई भी बीच में न पड़े नहीं तो उसे भी अंजाम भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने अमेकरिका समेत सभी देशों को चेताते हुए कहा कि हमारे पास परमाणु हथियार हैं जो हम जरूरत पड़ने पर चला सकते हैं। गौरतलब है कि यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थानीय समयानुसार शुक्रवार शाम को एक बार फिर तोपों की गरज सुनाई दी। जंग के तीसरे दिन रूस के सैनिक राजधानी कीव के काफी करीब पहुंच चुके हैं। रात दिन हो रहे धमाकों से देश में दहशत है। हालात को देखते हुए आखिरकार यूक्रेन ने समझौते का मन बना लिया है। दूसरी ओर UNSC में यूक्रेन में रूस के सैन्य कार्रवाई पर वोटिंग हुई जिससे भारत और चीन ने खुद को दूर रखा।
देश छोड़कर नहीं गए राष्ट्रपति जेलेन्सकी
राष्ट्रपति जेलेन्सकी ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर इस बात की पुष्टि की वे रूस का सामना करने के लिए कीव में डटे हुए हैं, देश को अकेला छोड़ कहीं नहीं गए हैं। राष्ट्रपति ने ट्वीट कर बताया कि उन्हें पिछले कुछ घंटों में विदेशी नागरिकों ने इमेल भेजे हैं और पूछा हे कि यूक्रेन के लिए जंग में वे कैसे मदद कर सकते हैं। साथ ही कुछ सुझाव भी दिए हैं। जेलेन्सकी ने कहा कि मेल भेजने वालों में अधिकांश रिटायर्ड मिलिट्री हैं।
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने भारत से लगाई युद्ध रुकवाने की गुहार
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की। उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियानों को समाप्त करने के लिए रूस के साथ भारत के संबंधों के प्रभाव का उपयोग करने का आग्रह किया। कुलेबा ने भारत से एक अस्थायी UNSC सदस्य के रूप में भी ‘यूक्रेन में शांति बहाल करने’ पर मसौदा प्रस्ताव का समर्थन करने का भी आग्रह किया।
भारतीयों को निकालने के लिए 3 टीमों का गठन
यूक्रेन संकट के बीच भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सरकार अपनी पूरी कोशिश कर रही है। इधर, पोलैंड में भारत की राजदूत नगमा मलिक ने बताया कि दूतावास ने तीन टीमों का गठन किया है जो फंसे हुए भारत एन छात्रों को स्थानांतरित करने में सहायता करेगी। इन टीमों में से एक लविवि में है। उन्होंने बताया कि सभी फंसे हुए छात्रों के लिए पोलैंड की सरकार यात्रा को आसान बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है।
सीजफायर पर बात करने को तैयार है यूक्रेन
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्सकी के प्रवक्ता ने कहा है कि आज रात रूस राजधानी कीव को दहलाने की कोशिश कर सकता है। अब यूक्रेन सीजफायर व शांति के लिए सहमत है। शुक्रवार को सोशल मीडिया पर प्रवक्ता सर्गी नाइकाइफोरोव (Sergii Nykyforov) ने कहा कि बातचीत के लिए समय और स्थान के चुनाव को लेकर रूस व यूक्रेन के बीच वार्ता जारी है। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन सीजफायर के बारे में बातचीत के लिए तैयार है।’ राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने तो यहां तक कह दिया कि अब उनकी सेनाएं चार दिन तक ही राजधानी कीव को बचा पाएंगी, क्योंकि कब्जे की लड़ाई उसके नजदीक आ गई है।
अमेरिका ने लगाए नए प्रतिबंध
यूक्रेन में रूस द्वारा किए गए सैन्य कार्रवाई को लेकर खफा अमेरिका ने पहले आर्थिक प्रतिबंध लगाए। साथ ही वहां के एलिट वर्ग के लोगों पर रोक लगा दिया था और अब राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और विदेश मंंत्री लावरोव पर अमेरिका ने यात्रा प्रतिबंंध का ऐलान किया है।
अब रूस के कब्जे में कीव का होस्टोमेल एयरपोर्ट
कीव का होस्टोमेल हवाई अड्डा रूसी सैनिकों के कब्जे में आ गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि करीब 200 यूक्रेनी सैनिकों को मारकर इस महत्वपूर्ण हवाई अड्डे पर कब्जा किया गया। जबकि यूक्रेन के अनुसार अभी तक की लड़ाई में यूक्रेन के कुल 137 लोग मारे गए हैं और करीब 300 घायल हुए हैं, इनमें सैनिक भी शामिल हैं। जेलेंस्की ने दुनिया से मदद की गुहार लगाई है। जवाब में अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और नाटो रूस की निंदा कर रहे हैं।
पुतिन ने की सुरक्षा परिषद बैठक की अध्यक्षता
आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। यूक्रेनी सैनिक पूरे साहस और हिम्मत के साथ रूसी दुश्मनों का सामना कर रहे हैं। मास्को से राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने यूक्रेन की सेना को तख्तापलट करने को कह दिया है। वहीं अमेरिका समेत दुनिया के अधिकांश देशों ने पुतिन व लावरोव के साथ रूस पर कड़े प्रतिबंध का ऐलान कर ही दिया।
यूक्रेन की सीमा के करीब बड़ी संख्या में सेना है तैनात
राजधानी कीव के मेयर के अनुसार, कीव स्थित पावर स्टेशन के पास 3-5 मिनट के भीतर ही पांच धमाकों की आवाज सुनाई दी। यूक्रेन मसले पर पोप फ्रांसिस ने रूसी व अंग्रेजी भाषा में ट्वीट कर कहा, ‘राजनीति और मानवता की विफलता जंग है।’ वहीं संयुक्त राष्ट्र की ओर से यूक्रेन की सहायता के लिए आह्वान किया है। रायटर्स के अनुसार अमेरिका की एक प्राइवेट कंपनी ने सैटेलाइट इमेज के जरिए यूक्रेन की सीमा से 20 मील दूर दक्षिण बेलारूस में करीब 150 ट्रांसपोर्ट हेलीकाप्टर और बड़ी संख्या में तैनात सैन्य बल को देखने की पुष्टि की है।
NATO ने भी जारी किया बयान
NATO प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने कहा, ‘मास्को का मकसद यूक्रेन की सरकार बदलना है। मैं यूक्रेन की सशस्त्र सेना को सम्मान देना चाहूंगा जो रूस की सेना का सामना हिम्मत से करते हुए वाकई में अपने साहस और हिम्मत का परिचय दे रहे हैं।’NATO द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह हालात पर करीब से नजर रख रहा है और यूरोपीयन यूनियन समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग करेगा। NATO ने कहा, ‘हमने पूर्वी हिस्से में बचाव के लिए आवश्यक उपाय किए हैं। इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने एक बयान में कहा है कि, ‘इटली रूस को तत्परता से प्रतिबंधित करने का समर्थन करेगा।’
अकेला पड़ा यूक्रेन
बता दें कि रूस के हमले के सामने यूक्रेन अकेला पड़ गया है। कोई नहीं जानता कि रूस की ताकत के सामने यूक्रेन कितनी देर टिकेगा। इस संकट के बीच सबकी निगाह यूक्रेन के अनुभवहीन राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर टिकी है। नाटो और अमेरिका के रुख को देखने के बाद संभव है कि वह रूस की उस मांग को लेकर खुद ही कोई फैसला लें, जिसमें यूक्रेन को नाटो सदस्य नहीं बनाने की बात है।
काम नहीं आई पश्चिमी देशों की चेतावनी
पश्चिमी देशों की ओर से दी गई चेतावनी के बावजूद रूस ने गुरुवार शाम को यूक्रेन पर उत्तर, पूर्व और दक्षिण से हमला कर दिया जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में पहला बड़ा हमला है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेन्सकी ने ट्वीट कर देश के हालात को बयां किया। उन्होंने लिखा कि चेरनीनहिव व मेलिटोपोल के पूर्वी शहरों के प्रवेश पर भारी संघर्ष हुआ लोग मारे गए हैं।