
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डाॅ. सतेंद्र यादव के नेतृत्व में पशु डॉक्टरों ने घोड़ा-खच्चरों की जांच कर उनका पंजीकरण किया। पशुपालकों को पशुओं के भोजन और देखरेख के की जानकारी दी गई। शिविर में घोड़ा-खच्चरों की उम्र, वजन के हिसाब से जांच की गई। साथ ही हॉर्ष फ्लू और ग्लैंडर्स बीमारी की जांच के लिए खून के सैंपल लिए गए।दूसरी तरफ केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चरों का संचालन करने वाली कंपनी जी-मैक्स के यात्रा प्रभारी खुशाल सिंह ने बताया कि अभी तक यात्रा के लिए 2500 से अधिक घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जा चुका है। पहले चरण में पांच हजार घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जाना है। यात्रा में घोड़ा-खच्चरों से जुड़ी समस्या के निस्तारण के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जा रहा है।