मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित मदरसों की हकीकत जानने के निर्देश जारी किए थे। अब जिला प्रशासन इसकी रिपोर्ट शासन को भेज रहा है। ताकि इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा सके।इसके क्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी उपजिलाधिकारियों से पंजीकृत और गैर पंजीकृत मदरसों की सूची तलब की। साथ ही वहां पढ़ रहे छात्रों, शिक्षकों और सुविधाओं का ब्योरा भी तलब किया।अब उपजिलाधिकारियों ने अपने क्षेत्र की रिपोर्ट उपलब्ध करा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून में कुल 90 मदरसों के संचालन की जानकारी मिली है। इनमें से 35 मदरसे ऐसे हैं, जिन्होंने मदरसा बोर्ड में पंजीकरण नहीं कराया है। वहीं, एक मदरसे का नवीनीकरण नहीं हो पाया है और कुछ मदरसे ऐसे हैं, जिन्होंने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है।जिला प्रशासन की रिपोर्ट बताती है कि जिले में संचालित किए जा रहे मदरसे विभिन्न सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। पंजीकृत मदरसों तक में आवश्यक संसाधनों का अभाव है। कई मदरसे ऐसे हैं, जिनमें खेल के साधन नहीं है। जिले में संचालित किए जा रहे कई मदरसे आवासीय श्रेणी के भी हैं और इनमें दूसरे राज्यों के छात्र भी पढ़ रहे हैं।