उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का राजभवन से खेल विश्वविद्यालय के अध्यादेश को मंजूरी मिल गई। विश्वविद्यालय के संशोधित अध्यादेश के मुताबिक कार्यपरिषद में अब राज्यपाल से नामित सदस्य को शामिल किया जाएगा। वहीं, पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी खेल विश्वविद्यालय के कुलपति बन सकेंगे। मंत्रिपरिषद की पिछले दिनों हुई बैठक में संशोधित अध्यादेश के प्रस्ताव को पास करने के बाद इसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया। राजभवन से मंजूर अध्यादेश के मुताबिक खेल क्षेत्र में विख्यात खिलाड़ियों या शिक्षाविद में से कुलाधिपति की ओर से नामित एक सदस्य को विश्वविद्यालय कार्यपरिषद में शामिल किया जाएगा।खेल विश्वविद्यालय के कुलपति के लिए अर्हता स्पष्ट की गई है। इसमें कहा गया है कि कुलपति के पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति का पूरा शैक्षिक रिकार्ड उत्कृष्ट होने के साथ-साथ विश्वविद्यालय प्रणाली में आचार्य, निदेशक शारीरिक शिक्षा, वरिष्ठतम खेल प्रशासक, वरिष्ठतम खेल प्रबंधक के रूप में कम से कम दस साल का अनुभव या ऐसा ख्याति प्राप्त खिलाड़ी जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अनुभव हो कुलपति के पद के लिए पात्र होंगे।