फाॅरेस्ट सर्वे आफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कार्बेट, राजाजी टाइगर रिजर्व के अलावा नेशनल पार्क में वन आवरण घट गया है। जबकि यह संरक्षित इलाके हैं।यही नहीं देश के जितने भी टाइगर रिजर्व हैं, उसमें सबसे बड़ी आग का मामला भी कार्बेट टाइगर रिजर्व में रिपोर्ट हुआ है। कार्बेट टाइगर रिजर्व बाघों के घनत्व के मामले में देश में नंबर वन है। यहां पर 260 बाघ होने का आकलन है। कार्बेट टाइगर रिजर्व में 38 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन और वृक्ष आवरण घट गया। कालागढ़ टाइगर रिजर्व में चार और उसके बफर जोन में आठ हेक्टेयर घटा है। इसी तरह राजाजी टाइगर रिजर्व में जहां पर 54 बाघों का आकलन है, वहां पर 98 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन- वृक्ष आवरण घटने का उल्लेख किया गया है। नंदादेवी बायो स्फीयर में 75, गोविंद नेशनल पार्क 166, गोविंद वाइल्ड लाइफ अभयारण्य 507, केदारनाथ वाइल्ड लाइफ अभयारण्य में 358 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वृक्ष व वन आवरण घटा है।कुछ जगह स्थिति ठीक रही है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन में 37 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है। अल्मोड़ा वन प्रभाग में 542, चकराता 443, सिविल सोयम कालसी और अल्मोड़ा मं क्रमश: 219 और 48, लैंसडाउन 288, पिथौरागढ़ 69, तराई पूर्वी 18 और टिहरी वन प्रभाग में 939 की बढ़ोतरी हुई है। जबकि बिनसर और बिनोग अभयारण्य, गंगोत्री नेशनल पार्क में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
ताजा न्यूज़
December 23, 2024