आखिरकार राजकीय मेडिकल कालेज कोटद्वार के निर्माण कार्यों के लिए 25 करोड़ की धनराशि सरकार ने स्वीकृत कर दी। राज्य आकस्मिकता निधि से यह धनराशि चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को जारी की गई है। कैबिनेट मंत्री और कोटद्वार के विधायक हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर करते हुए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत कोटद्वार में मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर मुखर हैं। इस मामले में लग रही अड़चन से नाराज हरक सिंह रावत इस्तीफा देने की धमकी देते हुए बीती 24 दिसंबर को कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे। हालांकि उनके जाने के बाद कैबिनेट ने कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए पांच करोड़ की राशि को मंजूरी दी, लेकिन हरक इससे संतुष्ट नहीं हुए। तकरीबन 24 घंटे तक कैबिनेट मंत्री अज्ञातवास में रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री रावत की नाराजगी दूर करने को सक्रिय हुए। उन्होंने मेडिकल कालेज के संबंध में ठोस निर्णय के संकेत दिए। मान-मनुहार के प्रयास कामयाब हुए, मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री आवास पर बैठकर एक साथ भोजन भी किया।
आखिरकार सरकार ने मेडिकल कालेज के निर्माण कार्यों के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 की शेष अवधि के लिए 25 करोड़ की राशि राज्य आकस्मिकता निधि से स्वीकृत की। कैबिनेट मंत्री रावत ने बीते रोज मेडिकल कालेज के लिए 25 करोड़ की राशि जारी किए जाने की जानकारी दी थी। दरअसल, कोटद्वार मेडिकल कालेज हरक सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसके लिए लंबे समय से वह प्रयास कर रहे थे।
इससे पहले उन्होंने बतौर श्रम मंत्री ईएसआइ के माध्यम से भी कोटद्वार में कालेज की स्थापना के प्रयास किए थे, लेकिन इस मामले में अड़ंगा लग गया था। तब कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से यह कोशिश ही विवादों के घेरे में आ गई थी। इस मुद्दे पर हरक और तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच लंबे समय तक तलवारें खिंची रहीं। धामी सरकार में यह प्रस्ताव आगे बढ़ा, लेकिन बाद में एक जिले में दो मेडिकल कालेज का मामला अड़चन की वजह बन गया था। अब सरकार ने यह अड़चन दूर कर दी।