
Stacks of files and paperwork in the office and bookshelves on the background: management and storage concept
राजधानी में 14 सरकारी काॅलोनियों में कर्मचारियों की अवैध कब्जे छुड़ाने में सरकार को ही पसीना छूट रहा है। राज्य संपत्ति विभाग ने इस संबंध में एसएसपी को पत्र भेजा है, जिस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। उधर, सचिवालय समेत तमाम विभागों के सेवारत कर्मचारियों का सरकारी आवास का इंतजार बढ़ता जा रहा है।दो माह पूर्व तत्कालीन राज्य संपत्ति विभाग के विहित प्राधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने एसएसपी को एक पत्र भेजा था। उन्होंने कहा था कि विभाग के नियंत्रण वाली आवासीय काॅलोनियों में सेवा समाप्ति के बाद भी अवैध रूप से कर्मचारी रह रहे हैं।इन सभी के खिलाफ सार्वजनिक भू-गृहादि अप्राधिकृत अध्यासियों की बेदखली अधिनियम 1972 की धारा-5 की उपधारा-क के अनुसार बेदखली के आदेश जारी किए गए हैं। लेकिन वह आवास खाली कराने को तैयार नहीं हैं।उन्होंने कहा कि अब पुलिस बल की मदद से ही इन्हें आवासों से बाहर किया जा सकता है। लिहाजा, बलपूर्वक उन्हें बाहर किया जाए। हालांकि करीब दो माह बीतने के बाद भी पुलिस के स्तर से कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई। राज्य संपत्ति विभाग के विहित प्राधिकारी डीपी सिंह का कहना है कि मामले में एसएसपी को पत्र भेजा जा चुका है।
इन काॅलोनियों पर हैं अवैध कब्जे-टिहरी हाउस, राजपुर रोड-रेसकोर्स आवासीय काॅलोनी-बन्नू काॅलोनी, रेसकोर्स-हरिवास काॅलोनी, रेसकोर्स-लोहियापुरम त्यागी रोड एमडीडीए काॅलोनी-नेहरूपुरम कांवली रोड-नवीन काॅलोनी केदारपुरम-पुरानी काॅलोनी, केदारपुरम-मिलन विहार, जीएमएस रोड-रिस्पनापुरम आवासीय काॅलोनी-विधानसभा आवासीय काॅलोनी-यमुना काॅलोनी, आवासीय काॅलोनी-पर्यटन काॅलोनी, निकट श्री महंत इंदिरेश अस्पतालविधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में आवास कब्जाए हुए हैं। विहित प्राधिकारी डीपी सिंह ने बताया कि इनमें से कुछ ने आवास खाली किया है लेकिन 40 में से बड़ी संख्या में अभी भी काबिज हैं। इनसे बाजार दर पर किराया वसूल करने के साथ ही बलपूर्वक बाहर निकालने की प्रक्रिया चल रही है।