इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) को कानपुर में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे शुक्रवार तड़के ही हिरासत में लेकर यहां सर्वोदय नगर स्थित जीएसटी कार्यालय में रखा गया था। उसके यहां जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की टीम की जांच में रविवार रात तक करीब 104 घंटे पूरे हो गए हैं। कानपुर के आनंदपुरी स्थित आवास के बाद उसके कन्नौज स्थित पैतृक घरों में भी नोटों का जखीरा मिल रहा है। दोपहर तक 23 करोड़ और मिलने की सूचना है। इस तरह कन्नौज में बरामदगी 103 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, कानपुर के 177 करोड़ मिलाकर अब तक 280 करोड़ की बरामदगी हुई है। हालांकि, इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं है। कारोबारी के दोनों बेटे भी हिरासत में हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के इतिहास की इस सबसे बड़ी नकदी बरामदगी के आंकड़े अभी और बढ़ेंगे।
कार में रखकर लाए जाते थे नोट: पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर में 177 करोड़ रुपये की गड्डियां यूं ही एकत्र नहीं हो गईं। रात के अंधेरे में गत्ते के कार्टून में रखकर नोटों की गड्डियां कार से लाई जाती थीं। कार को यूं तो सामान्य तौर पर गेट के बाहर रखा जाता था, लेकिन जब भी नोटों के बंडल लाते थे तो उसे सीधे अंदर ले जाकर गेट बंद कर लिया जाता था। कार खड़ी करने के इन तरीकों से ही अब आसपास के लोग ये अंदाजा लगा रहे हैं। ट्रिप्लेक्स मकान, उसमें सबसे ऊपर स्वीमिंग पूल होने के बावजूद पीयूष (Piyush Jain) कभी घर के अंदर किसी को नहीं बुलाते थे।
पड़ोसियों को देर रात अक्सर दिखती थीं गाड़ियां : आनंदपुरी जैसे पाश इलाके में रात के अंधेरे में अक्सर गैरकानूनी गतिविधियां होती थीं। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक, रात में देर तक टहलने वालों को अक्सर पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर कार से गत्तों के कार्टून उतरते दिखते थे। ये गत्ते इतने बड़े होते थे कि कार की डिक्की में आ जाएं। मोहल्ले के लोगों को लगता था कि उनके कारोबार का कोई माल आया होगा, लेकिन कभी इतने बड़े गत्ते वापस बाहर जाते नहीं देखे। इसलिए अब लोगों को लग रहा है कि इनमें नोटों की गड्डियां आती रहीं होंगी।