पिथौरागढ़ के लिपुलेख-तवाघाट में जहां चट्टान दरकने से भारी मलबा आने के कारण रास्ता बंद हो गया है। वहीं उत्तरकाशी के सांकरी के घुंहिया मार्ग में भारी मात्रा में मलबा आने से एक वाहन दब गया। देहरादून के मालदेवता में बांदल नदी भी उफान पर आ गई है। इसके चलते लोग दहशत में दिखाई दे रहे हैं और वे अपना सामान पैक करने में लगे हुए हैं ताकि समय रहते वहां से निकला जा सके।बारिश और तेज हवाओं के कारण मानसून जैसा एहसास हो रहा है। कहीं पहाड़ी दरक रही है तो कहीं भारी मलबा आने के कारण रास्ते बंद हो रहे हैं। उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से मौसम का मिजाज कभी ठंडा तो कभी गरम हो रहा है। दो-तीन दिन से बारिश और धूप की लुकाछिपी मई के अंतिम सप्ताह में भी सर्दी का एहसास करा रही है। वहीं यह बारिश अभी से कहर ढाने लगी है।पिथौरागढ़ के लिपुलेख-तवाघाट में एक चट्टान दरकने से सड़क पर भारी मात्रा में मलबा आ गया है। इसकी वजह से मार्ग बंद हो गया है। मार्ग अवरूद्ध होने के कारण धारचूला और गुंजी में आदि कैलाश के लगभग 300 यात्री फंस गए हैं। धारचूला से 45 किलोमीटर दूर लखनपुर के पास एक भारी चट्टान दरकने से लिपुलेख-तवाघाट सड़क लगभग 100 मीटर बह गई है।
अब इस सड़क को खोलने में कम से कम 2 दिन का समय लग सकता है। सड़क खोलने के लिए मौसम का अनुकूल होना भी बेहद जरूरी है। जब तक सड़क नहीं खुलेगी तब तक धारचूला और गुंजी में फंसे लगभग 300 लोगों को वहीं पर रहना होगा। कुमाऊँ मंडल विकास निगम के यात्रा अधिकारी धन सिंह बिष्ट ने बताया कि सड़क खोलने में 2 से अधिक दिन का समय लग सकता है।