बुधवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देने सदन पहुंचे थे, इस दौरान सबकी नजर उनके स्काई-ब्लू बंद गला जैकेट पर रही. इसके बाद ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर यह जैकेट वायरल हो गया. रिसाइकिल्ड प्लास्टिक बोतल से बना यह जैकेट उन्हें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने सोमवार को बंगलुरू में इंडिया एनर्जी वीक में भेंट किया गया था. एक समय था जब इस्तेमाल की हुई प्लास्टिक की बोतलें पर्यावरण के लिए खतरा हुआ करती थीं. मगर आज उनका बेहतर इस्तेमाल कपड़ों के निर्माण में किया जा रहा है. फेंकी गई पानी की प्लास्टिक की बोतलों से बने पर्यावरण को बचाने वाले कपड़ों को लोग अक्सर पहने हुए देखे जा सकते हैं. पर्यावरण को बचाने वाले कपड़ों का चुनाव अब पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और समझदार होने की निशानी बन गया है.दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 फरवरी को भारत ऊर्जा सप्ताह के उद्घाटन समारोह के दौरान आईओसी की वर्दी “अनबॉटल” लॉन्च की. देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम पदार्थ बनाने वाली कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन कार्बन रहित अर्थव्यवस्था के लिए सालाना 100 मिलियन फेंके गए मिनरल वॉटर, कोल्ड ड्रिंक और दूसरे पॉलीथिलीन टेरेफथालेट (पीईटी) बोतलों को रिसाइकिल करके अपने पेट्रोल पंपों और एलपीजी वितरण करने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रीन वर्दी बना रही है.
रिसाइकिल्ड प्लास्टिक की बोतलों से बने पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने वाले वस्त्र ऐसे होते हैं जो इस्तेमाल करने के बाद फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलों से तैयार किए गए पॉलीएस्टर से बनते हैं. बोतलों को एक जगह जमा किया जाता है, साफ किया जाता है और मशीन से पॉलिएस्टर फाइबर निकाला जाता है. इस पोलिएस्टर फाइवर का सूत बनाया जाता है जो कपड़ा बनाने में उपयोग किया जाता है.
इस प्रकार के कपड़ों को पर्यावरण की रक्षा करने वाला माना जाता है, क्योंकि यह प्लास्टिक कचरे को लैंडफिल साइट से दूर हटा कर वर्जिन (पहली बार बनाए जा रहे प्लास्टिक) प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम कर देता है. इसके अलावा रिसाइकिल्ड सामग्री के उपयोग से पारंपरिक कपड़ों की तुलना में पर्यावरण के अनुकूल कपड़ों से वायु में कम कार्बन का उत्सर्जन होता है.