महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ चुनाव आयोग की तरफ से दे दिया गया है. इसको लेकर उद्धव ठाकरे गुट हमलवार है और चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कह रहरा है. हालांकि उद्धव ठाकरे की इस चोट पर मरहम लगाने के बजाए एनसीपी चीफ शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करने और नया चुनाव चिह्न लेने को कहा है.शदर पवार ने कहा, “यह चुनाव आयोग का फैसला है. एक बार फैसला हो जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती. इसे स्वीकार करें और नया चुनाव चिह्न लें. इसका (पुराने चुनाव चिह्न के चले जाने का) कोई बड़ा असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग इसे स्वीकार करेंगे.” (नया चिन्ह) यह अगले 15-30 दिनों तक चर्चा में रहेगा, बस इतना ही. शदर पवार ने कांग्रेस को अपने सिंबल को दो बैलों से हाथ में जूए के साथ बदलने की याद दिलाई और कहा कि लोग उद्धव ठाकरे गुट के नए सिंबल को उसी तरह स्वीकार करेंगे, जैसे उन्होंने कांग्रेस के नए सिंबल को स्वीकार किया था.
शरद पवार ने कहा कि, “मुझे याद है कि इंदिरा गांधी को भी इस स्थिति का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस के पास ‘जुए के साथ दो बैल’ का प्रतीक हुआ करता था. बाद में उन्होंने इसे खो दिया और ‘हाथ’ को एक नए प्रतीक के रूप में अपनाया और लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया. इसी तरह, लोग उद्धव ठाकरे गुट के नए प्रतीक को स्वीकार करेंगे.
बता दें कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को एक बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बीते शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ आवंटित किया, जहां शिंदे गुट ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले का स्वागत किया तो वहीं उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.