उत्तराखंड में बनभूलपुरा इलाके के हजारों निवासियों ने हाई कोर्ट के आदेश पर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के खिलाफ बुधवार को ‘सत्याग्रह’ शुरू किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अतिक्रमण हटाने से वे बेघर हो जाएंगे और उनके स्कूल जाने वाले बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाएगा। अतिक्रमण हटाने से प्रभावित लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं। उन्होंने कहा कि हजारों परिवार इस इलाके में दशकों से बसे हैं और अगर उनके घरों को ध्वस्त किया जाएगा, तो वे सर्दी के इस मौसम में अपने परिवारों के साथ कहां जाएंगे।हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश और समाजवादी पार्टी के प्रभारी मतीन सिद्दीकी और महासचिव शोएब अहमद ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में निवासियों को एक सप्ताह पहले स्थान खाली करने का नोटिस देने के बाद रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है।अदालत के आदेश पर जमीन से अतिक्रमण हटाने का मास्टरप्लान तैयार है। इलाके में रेलवे की करीब 29 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। अतिक्रमण-विरोधी अभियान शुरू करने से पहले मंगलवार को बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की अतिक्रमित जमीन पर रह रहे लोगों से अपने लाइसेंसी हथियार जमा कराने को कहा गया था।इससे पहले भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के खिलाफ भी रेलवे का अतिक्रमण विरोधी अभियान चर्चा में आया था। रुड़की स्थित पंत के घर के सामने रेलवे ने पिलर गाड़ दिए थे।