सस्ते पेट्रोल-डीजल का इंतजार कर रहे लोगों को जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है। खुशखबरी रूस से रास्ते से आ सकती है। दरअसल रूस से और सस्ते दामों पर कच्चा तेल मिलने के आसार दिख रहे हैं। भारतीय रिफाइनरियों को रूस से कम कीमतों पर कच्चा तेल मिल सकता है। रूस भारत को 60 डॉलर प्रति बैरक से भी कम पर क्रूड ऑयल बेच सकता है। भारत अपनी जरूरत के मुताबिक रूस से तेल खरीदता रहा है। यूरोपीय संघ ने रूसी तेल की कीमत पर 60 डॉलर प्रति बैरक की कैपिंग लगाई है, लेकिन भारत इस कैपिंग का समर्थन नहीं करता है। दरअसल तेल की कीमतों पर कैपिंग कर पश्चिमी देश तेल की वैश्विक कीमतों और आपूर्ति को स्थिर बनाये रखने के साथ-साथ रूस के तेल राजस्व को कम करना चाहते हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस से 60 डॉलर प्रति बैरक से कम कीमत पर खरीद सकता है। अगर भारत को सस्ता क्रूड ऑयल मिलता है तो इसका लाभ आपको भी मिलेगा। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट आ सकती है।भारत रूस समेत ईरान और वेनेजुएला समेत अन्य देशों से भी कच्चा तेल खरीदता है। अब जितना जरूरी भारतीय कंपनियों के लिए रूस से मिलने वाला कच्चा तेल है उतना ही जरूरी रूसी तेल कंपनियों के लिए भारतीय बाजार भी है। दरअसल अमेरिका समेत यूरोपीय संघ ने रूस पर तेल की कीमतों पर 60 डॉलर प्रति बैरक की सीमा तय की है। कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। पिछले दिनों क्रूड ऑयल 11 महीनों से निचले स्तर पर पहुंच गया।भारत के लिए रूस हमेशा से तेल का सबसे बड़ा सप्लायर रहा है। नवबंर महीने में जारी आंकड़ों के मुताबिक लगातार दूसरे महीने रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता रहा है। वॉर्टेक्सा के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने अपने इराक और सऊदी अरब के मुकाबले रूस से अधिक तेल खरीदे। 31 मार्च 2022 तक भारत से तेल आयात में रूस से खरीदे गए तेल का हिस्सा मात्र 0.2 फीसदी था, जो अब बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच गया है। सिर्फ नवंबर में भारत ने रूस से 9,09,403 बैरल प्रतिदिन कच्चा तेल खरीदा है। इस दौरान इराक से 8,61,461 बैरल प्रतिदिन और सऊदी अरब से 5,70,922 बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा है। अगर एक साल के आंकड़ों पर दौर करें तो दिसंबर 2021 में रूस से भारत मात्र 36,255 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल आयात करता था, जो मार्च 2022 तक ये 68,600 बैरक प्रतिदिन पर पहुंच गया। यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस पर कई प्रतिबंध लगाए गए, जिसके बाद भारत और रूस के बीच कच्चे तेल का आयात बढ़ा।
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July 23, 2024