बीते दो दिनों से बुरांशखंडा, धनोल्टी, कद्दूखाल, सुरकंडा देवी, काणाताल बर्फ की सफेद चादर से ढके हुए हैं। कुदरत के इस नजारे का लुत्फ उठाने के लिए देहरादून, हरिद्वार, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, दिल्ली, हरियाणा व पंजाब से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। वहीं, सड़क पर बर्फ जमने और पर्यटकों की भीड़ के कारण दिनभर जाम लग रहा है। बुरांशखंडा से धनोल्टी तक वाहन रेंगते हुए पहुंच पा रहे हैं। सोमवार को मसूरी जेपी बैंड-बाटाघाट से मसराना, सुवाखोली-बुरांशखंडा तक सड़क पर वाहन रेंगते हुए आगे बढ़े। वहीं, मसूरी से सटे नागटिब्बा में भी भारी हिमपात हुआ है। हालांकि, मसूरी में बर्फबारी की उम्मीद लगाए पर्यटकों को निराश होना पड़ा है।
रविवार रात को फिर से भारी हिमपात होने से बुराशंखंडा से कद्दूखाल व काणाताल तक सड़क पर एक फीट से अधिक बर्फ जम गई। इस कारण आवागमन भी बाधित हो गया है। बर्फ हटाने के लिए प्रशासन ने कई जेसीबी लगाई हैं। भारी हिमपात से बिजली-पानी की लाइन भी क्षतिग्रस्त हैं। इस कारण इन क्षेत्रों में दो दिनों से आपूॢत ठप है।
एसडीएम धनोल्टी लक्ष्मीराज चौहान ने बताया कि धनोल्टी में एक फीट से अधिक हिमपात हुआ है। बुराशखंडा से धनोल्टी, बटवालधार, कद्दूखाल, काणाताल तक सड़क से बर्फ हटाने के लिये कई जेसीबी लगाई गई हैं। अगर मौसम साफ रहता है तो अगले पांच-छह घंटों में धनोल्टी-चंबा मार्ग से बर्फ हटाकर यातायात बहाल हो सकता है। कहा कि रात को पाला गिरने से मुश्किलें बढ़ रही हैं। एसडीएम ने बताया कि बिजली-पानी की लाइन की मरम्मत के लिए ऊर्जा निगम व जल संस्थान के कर्मचारी काम कर रहे हैं।
केदारनाथ में चार फीट से अधिक जमी बर्फ
चार दिनों से बारिश और बर्फबारी का सिलसिला बना हुआ है। केदारनाथ में चार फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। वहीं ऊंचाई पर स्थित एक दर्जन से अधिक गांव में बर्फबारी से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। निचले क्षेत्रों में बारिश से ठंड काफी बढ़ गई है।
केदारनाथ, मध्यमेश्वर और तुंगनाथ में तीन से चार फीट बर्फ जम गई है। वहीं चंद्रशिला, देवरियाताल, सारी, तोषी, त्रियुगीनारायण, गौंडार, रांसी, कार्तिक स्वामी, घिमतोली आदि गांवों में बर्फ जम गई है, जिससे यहां जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है। ऊंचाई वाले स्थानों पर लोग घरों में दुबक रहे हैं। केदारनाथ में चार फीट तो तुंगनाथ और चंद्रशिला में तीन फीट बर्फ गिरी है। बर्फबारी के चलते ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर मोटर मार्ग बंद हो गया है। मुख्यालय सहित जिले के अनेक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बारिश से परेशानियां बढ़ गई हैं। ठंड से बचने के लिए लोग अनेक जगह अलाव का सहारा लेते रहे।