काशी और उज्जैन की भांति उत्तराखंड के दो शहरों हरिद्वार व ऋषिकेश को संवारने की दिशा में सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। गंगा किनारे बसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन शहरों के पुनर्विकास की परियोजना को धरातल पर मूर्त रूप देने को अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हरिद्वार ऋषिकेश रिडेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड गठित कर दी गई है।अब दो साल के भीतर दोनों शहरों के लिए गंगा कॉरीडोर तैयार किया जाएगा। साथ ही पुनर्विकास की परियोजनाओं के लिए मास्टर प्लान और इसका क्रियान्वयन भी कंपनी कराएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में तीन अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में हरिद्वार व ऋषिकेश शहरों के पुनर्विकास की परियोजना को स्वीकृति दी गई थी। इसी कड़ी में सरकार ने अब कंपनी गठित की है।अपर मुख्य सचिव आवास एवं वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता वाली कंपनी में सचिव आवास एसएन पांडेय को मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया है। हरिद्वार-ऋषिकेश विकास प्राधिकरण, मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष समेत अन्य विभागों के अधिकारी इसमें बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं। अपर मुख्य सचिव अध्यक्ष आनंद बर्द्धन के अनुसार दोनों शहरों के पुनर्विकास की योजनाएं तैयार करने को कंसल्टेंट नियुक्ति किए जाएंगे। शीघ्र ही इसके लिए एजेंसी चयनित की जाएगी।
