
अब उत्तराखंड देश का पहला रोपवे विनिर्माण वाला राज्य बन जाएगा। राज्य में प्रस्तावित रोपवे परियोजनाओं का निर्माण कराने के साथ वह अन्य हिमालयी राज्यों को भी रोपवे प्रोजेक्ट में रोपवे से संबंधित स्वदेशी तकनीक व कलपुर्जे उपलब्ध करा सकेगा।केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की विनिर्माण प्रोजेक्ट के लिए भूमि उपलब्ध कराने की पेशकश पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हामी भर दी है। भूमि मुहैया होने के बाद केंद्र सरकार रोपवे विनिर्माण की अवस्थापना, डिजाइन, तकनीक और शोध में सहयोग देगी।पर्वतमाला परियोजना के तहत केंद्र सरकार की अगले पांच वर्षों में 1200 किमी से अधिक लंबाई के रोपवे की 250 से अधिक परियोजनाओं का विकास की योजना है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार राज्यों को मेक इन इंडिया की पहल के तहत रोपवे विनिर्माण के लिए प्रोत्साहित कर रही है।पर्वतमाला प्रोजेक्ट के तहत राज्य में 41 प्रस्ताव तैयार हैं। इनमें से सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग का उपक्रम नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) काम कर रहा है। दोनों परियोजनाओं के टेंडर हो चुके हैं। केदारनाथ रोपवे पर 1200 करोड़ और हेमकुंड साहिब रोपवे पर 850 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।