गुरुवार को भोर में पूर्व दिशा की ओर आसमान पर जैसे ही लालिमा छाई व्रतियों का उत्साह चरम पर पहुंच गया। भगवान भाष्कर के स्वागत में सुहागिनों ने मंगलगीत गाना शुरू कर दिया तो वहीं युवाओं ने खूब आतिशबाजी की। बैंडबाजों के धुन और आतिशबाजी की चौकाचौंध के बीच सूर्य ने जैसे सुबह करीब 6:40 बजे दर्शन दिए व्रतियों ने उन्हें अर्घ्यदान कर पूजा की और अपना व्रत संपन्न किया।
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January 20, 2025
January 20, 2025