बाघ की 11 फीट लंबी खाल और 15 किलो हड्डियों का मुख्य सौदागर एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया है। यह तस्कर ही इस बाघ का हत्यारा भी है। जिसने 2 महीने पहले बाघ को जहर देकर मार दिया था। रविवार को पकड़े गए चार तस्करों के बाद आज सोमवार को यह पोचर पुलिस की गिरफ्त में आया है।एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल के अनुसार रविवार को खटीमा में उत्तराखंड एसटीएफ वाइल्ड लाइफ, क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली और तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की एसओजी की संयुक्त टीमों ने खटीमा से वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया था। जिनके कब्जे से बाघ की खाल और लगभग 15 किलो हड्डियां बरामद की गई थी।यह चारों तस्कर धारचूला के रहने वाले हैं। पूछताछ में इन लोगों ने खाल और हड्डियां बेचने के लिए काशीपुर के एक व्यक्ति से लेकर आने की बात स्वीकारी जो कि देहरादून का रहने वाला है। इन तस्करों ने यह भी बताया था कि जिससे खाल और हड्डियां लाए हैं वह ही शिकारी है और बाघ को उसने ही मारा था।
यह जानकारी मिलते ही एसटीएफ और तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की संयुक्त टीम ने इस पोचर की तलाश शुरू की। जिसे काशीपुर मंडी चौकी क्षेत्र से पकड़ लिया गया। पकड़ा गया शिकारी अर्जुन सिंह पुत्र करतार सिंह, प्रगति विहार नेहरू कॉलोनी देहरादून का निवासी है।एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी एक शातिर वन्यजीव पोचर है। उसके विरुद्ध पूर्व में भी वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत कई मुकदमे अलग-अलग जगहों पर दर्ज हैं। फिलहाल एसटीएफ आरोपी अर्जुन के नेटवर्क की जानकारी जुटा रही है।