उत्तराखंड के उत्तरकाशी में लव जिहाद का मामला गरमाता जा रहा है। अब इस मामले को लेकर एक वर्ग विशेष के लोगों को घरों में किराए पर न रहने देने की बात सामने आई है। उत्तरकाशी जिले में लव जिहाद केस को लेकर सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो लोगों को हाल ही में एक अलग धर्म की नाबालिग लड़की के अपहरण करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले को लेकर दक्षिणपंथी समूहों के सदस्य हिंदू से मिल रहे हैं। पुरोला कस्बे में जमींदारों और उन्हें मुसलमानों की दुकानों और घरों को खाली करने के लिए कह रहे हैं। मुस्लिम दुकानदारों को दुकान खाली करने या परिणाम के लिए तैयार रहने जैसी नोटिस दी जा रही है। दुकानों पर इस नोटिस को चिपकाया जा रहा है। उन्हें भागने या कार्रवाई का सामना करने के लिए 15 जून तक की समय सीमा दी गई है।
26 मई के अपहरण मामले का विरोध मंगलवार को जिले के डुंडा और चिन्यालीसौड़ इलाकों में फैल गया। विरोध प्रदर्शन दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में स्थानीय व्यापारियों की ओर से आयोजित किया गया था। इस दौरान दुकानें बंद रहीं। इस बीच पुलिस ने कहा है कि हमने अल्पसंख्यक समुदाय को उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वासन दिया है। बारकोट सर्कल ऑफिसर सुरेंद्र भंडारी ने कहा कि हमने इलाके में करीब 20 पीएसी जवानों को तैनात किया है। साथ ही, बेदखली नोटिस मामले में भी जांच चल रही है।
अतिरिक्त डीजीपी (कानून व्यवस्था) वी मुरुगेसन ने कहा कि सभी 13 जिला पुलिस इकाइयों के प्रमुखों को कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है। कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं मिलेगी।