डेंगू के बढ़ते मामलों से निपटने में तकनीकी मदद उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विशेषषज्ञों की केंद्रीय टीमें प्रतिनियुक्त कर दीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कदम हरियाणा, पंजाब, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में डेंगू के काफी संख्या में मिले मामलों के मद्देनजर उठाया है। विशेषज्ञ टीमों में नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल और नेशनल वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के अधिकारी शामिल हैं।
दिल्ली में डेंगू के हालात की समीक्षा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया था कि डेंगू के सर्वाधिक सक्रिय मामलों वाले राज्यों की पहचान करके वहां विशेषषज्ञों की टीमें भेजी जाएं। दिल्ली में इस साल अभी तक डेंगू के 1,530 से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं और इनमें 1,200 से अधिक सिर्फ अक्टूबर में रिपोर्ट हुए हैं। दिल्ली में एक माह में डेंगू के मामलों की यह पिछले चार साल में सबसे अधिक संख्या है।
जम्मू-कश्मीर- प्रदेश में बढ़े डेंगू के मरीज, अबतक 993 भर्ती
जम्मू-कश्मीर में अब तक मिले कुल 993 डेंगू के मामलों में से जिला जम्मू से 64 फीसदी मामले हैं। जम्मू में मंगलवार को 33 नए मामलों के साथ आंकड़ा 639 तक पहुंच गया। शहर के कई इलाके डेंगू से प्रभावित हैं। तापमान में गिरावट के बावजूद अस्पतालों में डेंगू के पीड़ितों का पहुंचना जारी है।
मध्य प्रदेश में बढ़ रहे मामले
मध्य प्रदेश में इस साल डेंगू मरीजों की संख्या 10 हजार 500 से ऊपर पहुंच गई है। प्रदेश के सभी जिलों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। प्रदेश में वषर्ष 2015 के बाद डेंगू के मरीजों का सबसे ब़़डा आंक़़डा है। इसके पहले मरीजों की संख्या कभी पांच हजार भी नहीं पहुंची थी। यह अच्छी बात है कि इस साल मरीजों की हालत गंभीर नहीं हो रही है । अब तक जितने भी मरीज मिले हैं, उनमें से करीब 45 फीसद को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है। मंदसौर में इस साल डेंगू मरीजों का आंक़़डा 1200 के ऊपर पहुंच गया है। ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर में भी इस साल 600 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। प्रदेश के 40 फीसद मरीज सिर्फ पांच जिलों में मिले हैं।