उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बाघ का आतंक लगातार बना हुआ है. आदमखौर बन चुके बाघ ने पौड़ी जिले कई शिकार कर दिए हैं. आए दिन पौड़ी जिले के गांंवों से बाघ के हमले की खबरें आ रही हैं. लोगों की अपील पर वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए जगह जगह गश्त कर रही है. वन विभाग में गांवों में कई जगह पिंजरे लगाए हुए हैं, लेकिन अब तक बाग को पकड़ा नहीं जा सका है.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाघ के आतंक से पौड़ी जिले का रिखणीखाल क्षेत्र के गांव डल्ला, जुई पापड़ी और नैनीडांडा के सिमरी तल्ली भैड़गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इन गांवों में बाघ के बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग ने बाघ को ट्रैक्यूलाइज करने के लिए टीम गठित कर प्रभावित इलाकों में भेजी है.टीम की ओर से बाघ प्रभावित इलाकों में बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए हैं, इसके अलावा ट्रैक्यूलाइज टीम लगातार गश्त कर रही है. बावजूद इसके बाघ का गांवों में मूवमेंट लगातार बना हुआ है. यही नहीं बाघ लोगों पर हमला करना जारी है, मवेशियों का लगातार शिकार कर रहा है. कई लोगों को बाघ घायल कर चुका हैं और कई को अपना शिकार बना चुका है.बाघ की लगातार मूवमेंट के बावजूद वन विभाग की टीम उसे ट्रैक्यूलाइज करने में अब तक नाकाम रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बाघ के हमले जारी हैं, जिस वजह से लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं. खेती, काम-काम सब छोड़ घरों में रहने का मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि बाघ की दहशत की वजह से बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लग रहा है. उधर बाघ के आतंक को देखते हुए डीएम ने प्रभावित इलाकों में 26 अप्रैल तक स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं.