अमेरिका की दिग्गज दवा कंपनी फाइजर की कोरोना वैक्सीन पांच से 11 साल की उम्र तक के बच्चों में सुरक्षित और करीब 91 फीसद तक प्रभावी पाई गई है। नवीनतम अध्ययन के ये आंकड़े ऐसे समय में जारी किए गए हैं जब अमेरिका इस आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू करने पर विचार कर रहा है।
अगर नियामक की तरफ से वैक्सीन को मंजूरी मिलती है तो बच्चों का टीकाकरण नवंबर के प्रारंभ में शुरू हो सकता है। ऐसे में क्रिसमस तक कुछ बच्चों का पूर्ण टीकाकरण भी हो सकता है। फाइजर ने यह अध्ययन 2,268 बच्चों पर किया था। इन्हें तीन हफ्ते के अंतराल पर वैक्सीन की दो हल्की डोज या प्लेसेबो दी गई थी। वैक्सीन की हल्की डोज 91 प्रतिशत प्रभावी मिली है।
शुक्रवार को जारी फाइजर के अध्ययन का विवरण आनलाइन पोस्ट किया गया था। माना जा रहा है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) भी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर अपनी समीक्षा जल्द आनलाइन पोस्ट करेगा। एफडीए के विशेषज्ञ इस विषय पर अगले हफ्ते खुली चर्चा करेंगे। अगर एजेंसी की मंजूरी मिल जाती है तो रोग नियंत्रक एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) अंतिम फैसला लेगा कि टीका किन्हें लगाना है।
अभी फाइजर की वैक्सीन 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को लगाई जा रही है। परंतु, बच्चों के डाक्टरों और माता-पिता को बच्चों के लिए वैक्सीन की उत्सुकता से इंतजार है, क्योंकि स्कूल भेजने से पहले वे अपने बच्चों को संक्रामक डेल्टा वैरिएंट से सुरक्षित करना चाहते हैं। अब तक 25 हजार से बच्चों के डाक्टरों और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले लोगों ने टीका लगाने का समर्थन कर चुके हैं।
अमेरिका में पांच-11 साल के बच्चों की संख्या 2.8 करोड़
अमेरिका में पांच से 11 साल की उम्र तक के बच्चों की संख्या करीब 2.8 करोड़ है। बाइडन प्रशासन इनके लिए पहले ही पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की डोज खरीद चुका है। बच्चों की वैक्सीन को अलग पहचान के लिए इसकी शीशी पर नारंगी ढक्कन लगाया गया है।