हरिद्वार में अधर्म का काला-कारोबार करना एक गैंग को भारी पड़ गया. इस गिरोह को दबोचने के लिए कई दिन से पीछे पड़ी जिला पुलिस ने आखिरकार गैंग का भंडाफोड़ कर ही डाला. गैंग के गिरफ्तार सदस्य प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी बड़े पैमाने पर कर रहे थे. पकड़े जाने पर पुलिस ने इन तस्करों के कब्जे से लाखों रूपए की वे दवाएं जब्त की हैं, जिनके खुले बाजार में बेचने पर सख्त पाबंदी है.गिरफ्तार ड्रग तस्करों का नाम सतीश, आकाश और अमित है. यह तीनों ही उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले हैं. इनसे आगे की पूछताछ जारी है. सोमवार रात हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP Haridwar) आईपीएस अजय सिंह ने टीवी9 भारतवर्ष को यह जानकारी दी. एसएसपी ने कहा कि इस गिरोह के पीछे कई दिन से कलियर थाने की टीमें लगी हुई थीं. इस गिरोह के कब्जे से जब्त दवाईयों में 60 हजार तो प्रतिबंधित गोलियां ही हैं. यह गोलियां बाजार में अल्प्राजोलम के नाम से जानी जाती हैं. जबकि गैंग के कब्जे से दो हजार इंजेक्शन भी जब्त किए गए हैं. यह इंजेक्शन पेंटाजोसिन (Pentazocine) के नाम से जान-पहचाना जाता है. इन प्रतिबंधित दवाईयों की तस्करी जिस स्वीफ्ट डिजायर कार से की जाती थी. पुलिस टीमों ने उस कार को भी जब्त कर लिया है.गिरफ्तार तीनों दवा तस्करों के खिलाफ कलियर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास के बारे में पता लगाया जा रहा है. एसएसपी हरिद्वार ने बताया कि, गिरफ्तार सतीश थाना चरथावल जिला मुजफ्फरनगर, आकाश, निवासी इंदिरा कालोनी, थाना सदर बाजार, जिला मुजफ्फरनगर और अमित चंदेल निवासी इंदिरा कालोनी थाना सदर बाजार, जिला मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. इनके कब्जे से 60000 टेबलेट अल्प्राजोलम, 2000 इंजेक्शन Pentazocine और एक कार मिली है. जब्त करा बिना नंबर प्लेट की थी. कार के बारे में पता लगाया जा रहा है कि, कहीं यह कार ड्रग तस्करी के लिए ही चोरी तो नहीं की गई थी.