2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जातीय जनगणना के मुद्दे को मुखर होकर उठा रहे हैं. विधानसभा के बाद अब वाराणसी में जातीय जनगणना की मांग को लेकर शुक्रवार से तीन दिवसीय समाजवादी पार्टी की संगोष्ठी आयोजित होने जा रही है. तीन दिवसीय कार्यक्रम के जरिये समाजवादी पार्टी दलितों और पिछड़ों को साधने की कोशिश करेगी.समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को विधानसभा में जातीय जनगणना कराने की मांग प्रमुखता से उठाई थी. अब इसी मांग को लेकर समाजवादी पार्टी गांव-गांव जा रही है. इसकी शुरुआत वाराणसी से हो रही है. आज से तीन दिवसीय बैठक शुरू होगी, जिसमें समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ और समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के संयुक्त साझेदारी के साथ ‘जातीय जनगणना कराए सरकार, सबको सम्मान अधिकार’ के नाम से संगोष्ठी आयोजित होगी. इसके बाद 26 फरवरी को कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर होगा, जिसमें पार्टी के दलित वर्ग के कार्यकर्ता शमिल होंगें.बता दें कि 9 फरवरी को अखिलेश यादव ने पूर्वांचल की धरती से 2024 के चुनाव का शंखनाद किया था, जिसमें बनारस मुख्य केंद्र बना. एक बार फिर बनारस को समाजवादी पार्टी सियासी केंद्र बनाने जा रही है. जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर संगोष्ठी बनारस में होने जा रही है. इस संगोष्ठी में बनारस समेत चंदौली, भदोही, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र जिले से समाजवादी नेता शामिल होंगे. इस कार्यक्रम को लेकर समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के रास्ट्रीय महासचिव सत्यप्रकाश सोनकर ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिये दलित परिवारों के लोगों के पास जाकर उन्हें एकत्रित किया जाएगा और उनके हक के लिए आवाज उठाया जाएगा.
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July 23, 2024