उत्तराखंड के जोशीमठ में दरारों ने लोगों के साथ-साथ सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है। जोशीमठ में जारी लैंडस्लाइड संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहां अब जोशीमठ-औली रोपवे खतरे की जद में आ गया है जबकि इससे कुछ ही मीटर दूर स्थित दो अन्य बडे़ होटलों के भी एक दूसरे की ओर झुकने की रफ्तार तेज हो गयी है। उधर, लैंडस्लाइड के कारण ऊपरी हिस्से में एक दूसरे से खतरनाक रूप से जुड़ गए होटलों ‘मलारी इन’ और ‘होटल माउंट व्यू’ के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी है। साढे चार किलोमीटर लंबा जोशीमठ- औली रोपवे एशिया की बड़ी रोपवे परियोजनाओं में एक माना जाता है। यह छह हजार फीट पर स्थित जोशीमठ को नौ हजार फुट पर स्थित औली स्कीइंग केंद्र से जोड़ता है। पिछले 10 दिनों से इसका संचालन बंद है।औली रोपवे जहां से शुरू होता है, वह खतरे वाले इलाकों से जुड़ा है। इसके निचले हिस्से से तकरीबन आधा किलोमीटर सीधे नीचे जयप्रकाश कंपनी की वही कालोनी है, जहां दो जनवरी को सबसे पहले समस्या सामने आई थी। जेपी कालोनी के ऊपर और नीचे की ओर स्थित सभी संरचनाएं लैंडस्लाइड की जद में हैं। पिछले तीन दशकों से राज्य सरकार का उपक्रम गढ़वाल मंडल विकास निगम इस रोपवे का संचालन कर रहा है। इस परियोजना के मुख्य संचालक इंजीनियर दिनेश भट्ट ने बताया कि रोपवे के मुख्य भवन पर, जहां से रोपवे संचालित होता था, पहले हल्की-हल्की सामान्य दरारें थीं। लेकिन, शुक्रवार रात रोपवे के शुरुआती प्लेटफार्म से लगी जमीन फट गयी है।दिनेश भट्ट ने बताया कि इसके अलावा, शनिवार सुबह तक रोपवे परिसर में दीवार से कुछ दूरी पर चार से छह इंच चौड़ी, 20 फीट लंबी और चार फीट गहरी दरार आ चुकी है। इस रोपवे से सटे ‘स्नो क्रस्ट’ और ‘होटल कामेट’ भी भू-धंसाव की जद में हैं। वे एक दूसरे से चिपकने लगे हैं, जिसके मद्देनजर दोनों होटलों को खाली कर दिया गया है। ‘स्नो क्रस्ट’ के होटल मालिक की बेटी पूजा प्रजापति ने बताया कि उनका होटल दूसरे होटल की ओर झुक रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों होटलों के बीच पहले चार फीट का फासला था, जो अब घटकर मात्र एक-दो इंच रह गया है।
पूजा प्रजापति ने बताया कि शनिवार को प्रशासन की टीम आंकलन के लिए आयी थी। उसने कुछ स्थानों पर यंत्र भी लगाए, लेकिन जहां से होटल झुक रहा है, वहां कोई यंत्र नहीं लगाया गया है। लैंडस्लाइड की जद में आने के बाद दोनों होटलों को खाली कर दिया गया है। उनके अंदर का सामान सुरक्षित जगहों पर रख दिया गया है। शनिवार की रात को कई स्थानों पर फिर से दरारें बढी हैं। सिंहधार वार्ड में होटल पंचवटी का संचालन करने वाले भुवन चन्द्र उनियाल ने बताया कि शनिवार रात से दरारें और चौड़ी हुई हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि भवनों के सर्वेक्षण का काम जारी है।