
राष्ट्रीय चिंता का कारण बनता दिख रहा है। बड़ी आबादी प्रभावित हुई है और 700 से अधिक घरों को जमींदोज किए जाने की तैयारियों के बीच सेना भी मुस्तैद होने का आश्वासन दे रही है। दरअसल, रिपोर्ट्स में सेना की बैरक में भी दरारों की बातें सामने आईं, जिसके बाद चिंता की लकीरें गहरी होने लगीं। इसी बीच शीर्ष सैन्य अधिकारी ने कहा है कि जोशीमठ में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना के जवान मुस्तैद हैं।समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक जोशीमठ भूमि धंसाव और सेना की बैरक में नुकसान के मुद्दे पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा, 25-28 इमारतों (सेना की) में मामूली दरारें आ गई हैं और सैनिकों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया गया है। जरूरत पड़ने पर उन्हें स्थायी रूप से औली में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।जनरल मनोज पांडे ने कहा, जहां तक जोशीमठ में बाईपास रोड का संबंध है, उसका काम अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। हालांकि, इससे अग्रिम इलाकों तक हमारी पहुंच और परिचालन संबंधी तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सेना स्थानीय प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। सेना प्रमुख ने चीन के साथ लगी उत्तराखंड की सीमा और LAC प्रकरण पर भी टिप्पणी की।