जोशीमठ के भूधंसाव को लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराजने सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को जनहित याचिका दाखिल कर दी है। वकील परमेश्वर नाथ मिश्र ने दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह जोशीमठ को विलुप्त होने से बचाने के लिए जल्द उपाय करने के निर्देश दे। कोर्ट सरकार को आदेश दे कि इस दिशा में फौरन कार्रवाई की जाए। शनिवार को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के आसपास का हवाई दौरा करने के बाद प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।बद्रीनाथ, फूलों की घाटी समेत कई अहम तीर्थ स्थलों के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले जोशीमठ में पिछले सप्ताह भर से इमारतें धंसने, शहर भर में गहरी दरारे पड़ने और भूमिगत जल के रिसकर बहने की खबरें आ रही हैं। करीब 600 मकान खाली कराने के आदेश दिए गए हैं। इस तरह 25 हजार की आबादी वाला यह शहर ढहने की कगार पर पहुंच गया है।
ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य ने हरिद्वार में शनिवार को मीडिया से बात करते हुए नाराजगी जाहिर की थी कि करीब साल भर से इस त्रासदी के स्पष्ट संकेत मिल रहे थे लेकिन कुछ भी नहीं किया गया। उन्होंने कहा, यह चिंता की बात है कि जोशीमठ खतरे में है। लगभग एक साल से कई जगहों से ऐसे संकेत मिल रहे थे कि जमीन धंस रही है। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।’उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से इतनी तेजी से भूधंसाव हो रहा है कि अब तक 500 घर प्रभावित हुए हैं। हमारे सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। मैं कल जोशीमठ जाऊंगा ताकि मैं प्रभावित लोगों के बीच पहुंच सकूं।’