उत्तराखंड के जोशीमठ में बने हालात को लेकर लोगों में आक्रोश चरम पर है. लोगों का आरोप है कि जल विद्युत परियोजना के लिए बिछाई गई सुरंगों से ही घरों तक पानी पहुंचा और दीवारों में दरार आ गई. इस आक्रोश के चलते क्षेत्र में शट डाउन जैसे हालात बनने लगे हैं. लोगों ने जगह जगह रोड ब्लॉक करना शुरू कर दिया है. दूसरी ओर प्रशासन ने राहत कार्य शुरू करते हुए कुल 27 बेंचेज और 67 आवासीय परिसर को खाली कराया है. वहीं एनटीपीसी की प्रोजेक्ट समेत अन्य निर्माण कार्यों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है.इस समय जोशीमठ में खिसकती जमीन और तेजी से रिस रहे पानी का सबसे ज्यादा असर जोशीमठ-बद्रीनाथ मुख्य मार्ग स्थित जेपी परिसर पर देखा जा रहा है. यहीं वो पॉइंट है जहां जल रिसाव का मुख्य श्रोत है और लगातार तेज धार के साथ पानी का बहाव देखा जा सकता है. यहां पानी के रिसाव की वजह से एक इमारत का बड़ा हिस्सा जमींदोज हो गया. जबकि इस परिसर के अंदर की तस्वीरें डराने वाली हैं. इसमें देखा जा सकता है कि मेस, पोस्ट ऑफिस, रिहायशी परिसर और मल्टीपर्पज हॉल में कैसे जमीन धंसी है. गनीमत है कि अभी तक यहां कोई जान माल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यहां के लोगों के लिये ये किसी त्रासदी से कम नहीं है.जोशी मठ में बने हालात और लोगों में आक्रोश को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़े स्तर पर राहत कार्य शुरू किया है. कई मकानों में दरारें आने के बाद प्रशासन ने प्राथमिकता के आधार पर 30 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. अधिकारियों के मुताबिक चमोली जिले में जोशीमठ भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी के मुताबिक शहर के विभिन्न इलाकों में 561 मकानों में दरारें आ चुकी हैं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जोशीमठ के हालात पर सरकार करीब से नजर रख रही है. वह खुद मौके पर हालाज का जायजा लेने जा रहे हैं. इसके अलावा भूकंप के अत्यधिक जोखिम को देखते हुए जोन-पांच में आने वाले इस शहर के सर्वे के लिए एक विशेष दल का गठन किया गया है.
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December 22, 2024