“ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025” के तहत उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में बुधवार को पुलिस ने बड़ा एक्शन कर डाला. जिला पुलिस ने शहर और देहात इलाकों में मौजूद दवाई की दुकानों (मेडिकल स्टोर्स) पर जबरदस्त तरीके से छापे डालना शुरु कर दिया. यह छापे जिला भर में एक ही साथ बेहद गुप्त योजना बनाकर डाले गए. मेडिकल स्टोर्स पर एक साथ जिले भर में छापे मारे जाने की खबर सुनकर, कई स्थानों पर तो दुकानदार अपने शटर खुले छोड़कर ही फरार हो गए.बुधवार रात यह जानकारी हरिद्वार जिला पुलिस कप्तान अजय सिंह ने टीवी9 भारतवर्ष को दी. उन्होंंने कहा कि, राज्य पुलिस सूबे को ड्रग्स फ्री देवभूमि बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है. इसी के तहत बुधवार को दिन भर जिले में संदिग्ध दवा विक्रेताओं की गिरफ्तारी के लिए छापामार अभियान चलाया गया. इस दौरान 500 से ज्यादा मेडिकल स्टोर्स्ट पर छापे मारे गएएसएसपी हरिद्वार ने आगे बताया कि, जिला पुलिस मुख्यालय को लंबे समय से खबरें मिल रही थीं कि जिले में कुछ मेडिकल स्टोर्स पर दवाईयों की आड़ में ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है. इन सूचनाओं को जब क्रॉस चैक किया तो, उनमें से कई सूचनाएं सही पाई गईं. लिहाजा जिले भर की पुलिस को एक साथ शहरी और ग्रामीण इलाके में मौजूद अधिकांश मेडिकल स्टोर्स पर छापे मारने का आदेश दिया गया. पता चला था कि दवाई की आड़ में कुछ मेडिकल स्टोर नशीली टेबलेट व इंजेक्शन व कुछ अन्य गैर-कानूनी दवाओं की बिक्री, बिना वैध लाइसेंस अथवा बी फार्मा डिग्रीधारक के अतिरिक्त, अन्य द्वारा दवाई बेची जा रही हैं.औचक छापेमारी के दौरान कई मेडिकल स्टोर्स मालिक और उनके कर्मचारी मेडिकल स्टोर खुला हुआ ही छोड़कर भागते दिखाई दिए. जिन्हें पुलिस ने दूर तक पीछा करके पकड़ लिया. कई ऐसे मेडिकल स्टोर्स भी खुले पड़े मिले, जिनके संचालक-कर्मचारी पुलिस छापे की खबर सुनकर भाग गए थे. इस छापामारी के दौरान वैध लाइसेंस न मिलने अथवा बी फार्मा डिग्रीधारक के अतिरिक्त अन्य कई प्रतिबंधित दवाई बेचते हुए मिलने पर, सम्बन्धित मेडिकल स्टोर्स की रिपोर्ट ड्रग इंस्पेक्टर को भेज दी गई है. कुछ को पुलिस ने ही कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं..