बारिश के मौसम के बाद देश में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप हर साल रहता है लेकिन इस बार पहले से ही लोग कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। इस साल केवल मध्य प्रदेश में डेंगू के मामलों का आंकड़ा 6,600 हो गया है। यहां सितंबर में 4,016 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल डेंगू से मरने वालों में अधिकतर वो लोग शामिल हैं जो पहले से दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित थे। मरीजों के उपचार के लिए प्लेटलेट्स की मांग भी बढ़ी है।
वहीं उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर भले ही खत्म हो गया है, लेकिन डेंगू, मलेरिया तेजी से पांव पसार रहा है।शहर की अपेक्षा देहात क्षेत्र में इसका असर अधिक है। बदायूं जिले में गुरुवार को डेंगू के दो मरीजों की पहचान हुई है। इनमें एक बरेली के मढ़ीनाथ की छात्रा है और एक युवक जालंधरी सराय का निवासी है। देहात क्षेत्र की बात करें तो यहां मलेरिया के 22 मरीज निकले हैं। अब तक जिले में 1301 मलेरिया और 124 फैल्सीपेरम के मरीज निकले है।
अक्टूबर में राहत के संकेत
अक्टूबर में राहत के संकेत मिल रहे हैं। इस महीने के शुरुआती छह दिनों में संक्रमण दर पांच फीसद तक आ गई है। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी ने इसकी पुष्टि की है। इस वर्ष अब तक पांच मरीजों की मौत डेंगू से हुई है। सबसे ज्यादा 47 फीसद संक्रमण दर मंदसौर, इसके बाद 44 फीसद मंडला और 42 फीसद छतरपुर की रही है।
इंदौर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 23 से ज्यादा इलाके ऐसे हैं जहां पर डेंगू के दो से ज्यादा मरीज मिले हैं। इंदौर में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 550 हो चुकी है। इनमें से 335 पुरुष व 225 महिलाएं हैं। इस वर्ष डेंगू से अब तक 118 बच्चे बीमार हुए हैं। जिला मलेरिया विभाग के मुताबिक जिले में 21 डेंगू के एक्टिव केस हैं जिनमें 19 मरीज अस्पताल में उपचार ले रहे हैं।
डेंगू से बचने के लिए ये रखें सावधानी
— सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें
— पूरी आस्तीन के कप़़डे पहनें
— अपने आसपास कही भी पानी जमा न होने दें
— घरों में रखे कूलर, टंकी या अन्य जगह पानी बदलते रहें
— मच्छर रोधक दवाओं का उपयोग करें
— पुराने टायर, डिब्बे व ऐसी चीजें जिनमें बारिश का पानी इकट्ठा हो उसे खाली करें
ये हैं लक्षण
शुरुआत में बुखार सामान्य रहता है, लेकिन 2 से तीन दिन के बाद मरीज को ठंड लगने के साथ तेज बुखार आने लगता है। सिर, मांसपेशियों और जो़़डों में दर्द होने लगता है। आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना और कमजोरी लगने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा भूख न लगना, जी मिचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना और गले में हल्का दर्द भी महसूस होता है। मरीज के चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल–गुलाबी रंग के रैशेज दिखाई देने लगते हैं।