उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड ने जंगली जानवरों के हमलों (Man animal conflict) में मारे जाने वाले लोगों के परिवार को दिए जाने वाले मुआवजे (Compensation Uttarakhand govt) की राशि बढ़ा दी है। मुआवजे की राशि चार लाख से बढ़ाकर छह लाख कर दी गई है। इसी तरह ऐसी घटनाओं में गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की जगह एक लाख रुपये दिए जाएंगे। सरकार की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह ऐलान किया गया है। पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए दो करोड़ रुपये का कोष बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग और राज्य प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय के माध्यम से मानव-पशु संघर्ष को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है। धामी ने कहा कि घटना के 15 दिनों के भीतर मानव-पशु संघर्ष के पीड़ितों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा बंदरों की वजह से फसलों को हुए नुकसान को रोकने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की जानी चाहिए।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बोर्ड ने विश्व पर्यटन मानचित्र पर प्रसिद्ध ब्रिटिश शिकारी जिम कॉर्बेट से जुड़े स्थानों को रखने के लिए ‘जिम कॉर्बेट ट्रेल’ विकसित करने का भी निर्णय लिया। पर्यटन विभाग जिम कॉर्बेट से जुड़े स्थानों के आस-पास ट्रेक मार्गों के पुनर्वास और होमस्टे विकसित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करेगा। बोर्ड ने शिवालिक हाथी रिजर्व की पुन: स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं पर चरणबद्ध तरीके से काम शुरू किया जाना चाहिए। बोर्ड ने फैसला किया कि राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर ‘चौरासी कुटिया’ को भी पर्यटन की दृष्टि से इसके महत्व को देखते हुए विकसित किया जाएगा।ऋषिकेश में ‘चौरासी कुटिया’ को महर्षि महेश योगी आश्रम या बीटल्स आश्रम के रूप में भी जाना जाता है। विश्व प्रसिद्ध रॉक बैंड बीटल्स ने 1970 के दशक में इसका दौरा किया गया था। बीटल्स के सदस्य वहीं रुके थे और उन्होंने अपने कुछ सर्वाधिक लोकप्रिय गीतों की रचना की थी। बैठक में उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य में हिम तेंदुओं की संख्या पांच साल में 86 से बढ़कर 121 हो गई है।