चंचल सिंह अब सेना में अधिकारी बन गए हैं। 27 साल के चंचल ने जैसे ही अपने कमीशंड होने के बाद मां के सामने सीना ताने बेटा खड़ा हो उन आंखों में आंसू थे। गर्व था। आशंका के भाव थे। जिन्होंने करीब 22 साल पहले अपने पति को खो दिया था। फिर भी बेटे की सफलता पर गर्व करती उसकी सफलता की दुआ करती मां की भावनाओं को बेटा समझाता, बताता दिखा। इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) के पासिंग आउट परेड के बाद चंचल सिंह सेना में अधिकारी नियुक्त हो गए हैं। मार्च 2000 का वह दौर याद करते हैं। 5 साल के थे। बताया गया, जम्मू कश्मीर के राजौरी इलाके में सेना के एक जवान को आतंकियों ने निशाना बनाया है। वह उनके पिता थे। आतंकियों से लड़ते हुए पिता लांस नायक हरीश चंद्र सिंह शहीद हुए तो बेटे ने भी सेना में जाने को तय कर लिया। आज कंधों पर सजे सितारे उसके दृढ़ आत्मविश्वास को प्रदर्शित करते हैं।पिता की शहादत के समय चंचल सिंह मुनस्यारी गांव में रहते थे। बोथी गांव के स्कूल से चौथी कक्षा तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश के सागर में युद्ध स्मारक हॉस्टल भेज दिया गया है। यहां पर उन बच्चों को भर्ती कराया गया था, जिनके पिता या तो युद्ध में मारे गए थे, या फिर आतंकियों और दुश्मनों से लोहा लेते हुए स्थायी रूप से निशक्त हो गए थे। चंचल ने यहां पर केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई करते थे। चंचल कहते हैं कि वहां मेरे जैसे करीब 50 छात्र थे, जिन्होंने अपने पिता को खो दिया था। हम में से करीब 50 फीसदी भारतीय सेना में शामिल हो गए हैं।
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September 10, 2024