उत्तराखंड भाजपा में लंंबे समय से दायित्व का इंतजार कर रहे कार्यकर्ताओं को नए साल से पहले तोहफा मिलने जा रहा है। सरकार और संगठन के बीच इस मामले में कई बार चर्चा हो चुकी है। अब लिस्ट पर सीएम धामी के मुहर का इंतजार है। पहले राउंड में 100 कार्यकर्ताओं की लिस्ट तैयार होने के संकेत मिले हैं।गुजरात, हिमाचल में विधानसभा चुनाव और दिल्ली में एमसीडी के चुनाव नतीजों से पहले आ रही मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर भाजपा काफी उत्साहित नजर आ रही है। जिसका संगठन में काम कर रहे लोगों को इनाम मिलना तय है। इसी के आधार पर उत्तराखंड भाजपा संगठन में अंदरखाने इस को लेकर चर्चा तेज है, कि जल्द ही धामी सरकार दायित्वधारियों की लिस्ट फाइनल करने जा रही है। लंबे समय से पार्टी के अंदर चल रही बयानबाजी को भी इसी कड़ी से जोड़ा जा रहा है। साथ ही पार्टी संगठन और सरकार में संतुलन बिठाने के लिए दायित्व के फॉर्मूले पर काम कर रही है। बीते दिनों पूर्व सीएम समेत कई बार पार्टी के दिग्गज नेताओं के बयानबाजी से अपनी ही सरकार को मुश्किल में डालने का काम किया है। जिससे भाजपा सरकार की किरकिरी भी हुई। इतना ही नहीं मामला दिल्ली तक भी पहुंचा। हाईकमान ने भी इन बयानों को गंभीरता से लेते हुए सीनियर नेताओं को पार्टी के प्लेटफॉर्म में अपनी बात रखने का आदेश दिया। इस बीच पार्टी के नेताओं की सरकार से नाराजगी और अपने चेहेतों को फिट करने की बात भी अंदरखाने होती रही। जिस पर हाईकमान ने प्रदेश संगठन की मांग पर बीच का फॉर्मला तैयार किया।जिसके बाद पार्टी के सीनियर कर्मठ नेताओं को दायित्वधारी बनाकर सरकार में विभिन्न निगमों, बोर्डों में एडजस्ट करने पर विचार किया गया। अब दिसंबर अंत तक सीएम धामी की और से लिस्ट जारी करने की बात सामने आ रही है। सूत्रों का दावा है कि प्रदेश संगठन की और से 100 से ज्यादा नाम सौंपे जा चुके हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी इस बात के संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि पहले चरण में 40 से ज्यादा दायित्व बांटे जा सकते हैं। जिसमें कई वे नाम भी शामिल हैं जिनके विधानसभा चुनाव में टिकट काटे गए थे। इस तरह से संतुलन बिठाने की कोशिश की जाएगी। जिससे निकाय चुनावों और लोकसभा चुनावों तक पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखा जा सके। उत्तराखंड में भाजपा के ही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में तकरीबन चार साल के कार्यकाल में करीब 120 दायित्वधारी बनाए गए। लेकिन बाद में तीरथ सिंह रावत और धामी के पहले कार्यकाल में कार्यकर्ता दायित्व का इंतजार करते रह गए। लेकिन धामी-2 में अब एक बार कार्यकर्ताओं को दायित्व देकर खुश करने की कवायद शुरू हो गई है।