उत्तर प्रदेश के वाराणसी में राष्ट्रीय हिंदू दल ने बैठक की। इस दौरान उन्होंने धर्मगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से देश में राष्ट्रीय शोक घोषित करने की मांग की है।
संगठन के अध्यक्ष रोशन पाण्डेय ने कहा, “जिसने हम भारतीयों को गुलाम बनाकर देश पर 150 सालों तक शासन किया और भारत को लूटा उस देश के महारानी एलिजाबेथ के निधन पर भारत में राष्ट्रीय शोक हो सकता है तो करोड़ों हिंदुओं के सर्वोच्च धर्मगुरु स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के निधन पर राष्ट्रीय शोक क्यों नहीं।”
उन्होंने कहा कि सऊदी के सुल्तान के निधन पर भारत में राष्ट्रीय शोक, यूएई के खलीफा का निधन पर भारत में शोक लेकिन हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु पर राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया गया।
महात्मा गांधी के साथ आंदोलन में लिया था भाग
रोशन पांडेय ने कहा कि देश की आजादी में 19 साल की अवस्था में महात्मा गांधी के साथ 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में संघर्ष कर पंद्रह महीने तक कारावास गुजारने वाले एकमात्र शंकराचार्य के निधन पर राष्ट्रीय शोक क्यों नहीं हो घोषित किया गया। श्रीराम मंदिर के पहले आंदोलन की शुरुआत करने तथा मां गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित कराने वाले महान संत के प्रति उपेक्षा का भाव देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं की उपेक्षा है। बहुल भारत में शंकराचार्य जी के लिए राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं होगा, तो कहां होगा।द्वारिकापीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती रविवार को ब्रह्मलीन हो गए। जिसके बाद सोमवार को उनके सबसे करीबी बताए जा रहे अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को ज्योतिष्पीठ बद्रीनाथ का नया शंकराचार्य घोषित किया गया।