उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) में स्नातक परीक्षा (वीपीडीओ) में घपले के खुलासा होने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अब खुलकर इस आयोग को भंग करने की पैरवी में आ गए हैं। कहा कि रिश्वतखोर नई पीढ़ी के युवाओं के सपनों से अत्याचार कर रहे हैं। आयोग की भर्तियों में हो रहे घपले-घोटोलों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी गंभीर हैं। वह बड़े एक्शन का संकेत दे चुके हैं।यूकेएसएससी में तमाम परीक्षाएं विवादों में आने के बाद सवालिया निशान खड़े होने स्वाभाविक हैं। इससे पहले उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के पास यह जिम्मेदारी थी, लेकिन वहां भी कई परीक्षाओं में अनियमितताओं के खुलासे हुए थे। इसके बाद सितंबर, 2014 में कांग्रेस सरकार ने यूकेएसएससी का गठन किया था। यह आयोग समूह ग के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित कराता है, लेकिन यहां भी पारदर्शी तरीके से परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं। घोटालेबाजों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि वे परीक्षाओं में आसानी से सेंधमारी कर मेधावी अभ्यर्थियों के सपने चकनाचूर करते जा रहे हैं। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यूकेएसएससी की परीक्षाओं में फिर धांधली का खुलासा होने पर बड़ा बयान दिया है।उन्होंने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि यह सीधे-सीधे हमारी नई पीढ़ी के साथ मजाक और अत्याचार है। कहा कि कुछ कुछ शार्ट कट चलने वाले व रिशवत खोर लोग हमारी भर्ती एजेंसी को कहीं न कही प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं उसके बारे में विचार करने की आवश्यकता है।त्रिवेंद्र ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में भी आयोग की भर्तियों में घपला हुआ था। जब वे मुख्यमंत्री बने थे तो ऐसा ही घोटाला पकड़ में आया था। अब फिर इस तरह का घोटाला सामने आया है। मुझे ध्यान है कि यूपी में भी नौकरियों के लिए इस तरह का आयोग बना था। इन्हीं कारणों से सरकार ने उसे भंग कर दिया था।आयोग की भर्तियों में हो रहे घपले-घोटोलों पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी गंभीर हैं। मंगलवार को धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि कुछ अन्य आयोगों में इस तरह की शिकायतें मिली हैं। मुख्यमंत्री आयोग में नौकरियों को लेकर चल रहे खेल पर बड़ा एक्शन का संकेत दे चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार सभी आयोग में हो रही भर्तियों में पारदर्शिता को लेकर अलर्ट है, जहां भी शिकायतें मिलेंगी, वहां अफसरों पर भी कारवाई की जाएगी। माना जा सकता है कि सरकार के इन तेवरों के बाद कुछ आयोग में भी बड़ी कारवाई हो सकती है।