संवाद सहयोगी, विकासनगर: बरसात के मौसम में नगर के सीवर लाइन से जल निकास की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हालत यह है कि, थोड़ी देर की बारिश से ही नगर का मुख्य बाजार और अन्य क्षेत्र जलभराव की चपेट में आ जाता है। समस्या और अधिक विकट तब होती है जब जलभराव के बीच सीवर से उबलकर गंदगी सड़कों पर फैल जाती है। उधर, नगर के ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने के लिए बड़ी योजना पर काम के दावे लगातार किये जा रहे हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार की उम्मीद धुंधली नजर आ रही है।
विकासनगर को नगर पालिका का दर्जा मिलने के समय 1972-73 में नागरिकों की सुविधा के लिए नगरीय क्षेत्र के विभिन्न वार्ड में सीवर लाइन बिछाई गई थी। समय के साथ-साथ हुए नगर के विस्तार के कारण सीवर लाइन की क्षमता भी प्रभावित होती रही। जिस समय विकासनगर को पालिका का दर्जा मिला, उस समय नगर की आबादी 15 हजार थी। वर्तमान में आबादी 70 हजार को पार कर चुकी है। जहां तक नगर की सीवर व्यवस्था का सवाल है तो नगर में आवासीय भवनों और व्यवसायिक संस्थानों से निकलने वाले गंदे पानी को इसी सीवर लाइन से जोड़ा जाता रहा। फिलहाल सीवर की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। उधर, नगर के मेन बाजार और सड़कों पर एकत्रित होने वाले पानी की निकासी के लिए मेन बाजार से गुजरने वाले दिल्ली-यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों किनारों पर 2004 में बड़े नालों का निर्माण किया गया। राजमार्ग पर एकत्रित होने वाले पानी को नाले में डालने के लिए मार्ग के किनारे से नालों में थोड़ी-थोड़ी दूर पर होल छोड़ दिए गए, जिससे बारिश का पानी आसानी से नाले में जा सके। लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते निर्माण के बाद से एक बार भी इन नालों की सफाई नहीं कराई गई। अब नाले पूरी तरह चोक हो गए।
समस्या और अधिक विकट हो गई, जब लोक निर्माण विभाग की ओर से हाईवे के नालों में जाने के लिए बने होल को बंद कर दिया गया। मंगलवार को मेन बाजार में पहली बार भयंकर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। उधर, नगर के ड्रेनेज से जुड़ी सीवर और नालों की व्यवस्थाओं के विस्तार देने या यों कहिए कि ड्रेनेज की समस्या से नागरिकों को मुक्ति दिलाने की किसी भी योजना पर हाल फिल्हाल में कोई काम शुरू होने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं है।
——————
सीवर और नालों की योजनाओं पर काम के दावे
विकासनगर: नगर की ड्रेनेज व्यवस्था में सुधार के लिए सीवर लाइन के विस्तारीकरण और नालों के विभिन्न कार्यों के लिए दावे लगातार किए जाते रहे, लेकिन ऐसी कोई भी योजना अभी तक धरातल पर शुरू नहीं हो सकी है। नगर की सीवर लाइन विस्तारीकरण की योजना का प्रस्ताव 2014 में उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार को भेजा था। लगभग 250 करोड़ लागत की इस योजना को पिछले वर्ष स्वीकृति मिलने की बातें काफी सुनने में आई, लेकिन योजना के संबंध में यह बातें सिर्फ वहीं तक सीमित रहीं। इसी प्रकार कुछ दिनों पहले नगर के हाईवे के नाले के सुधारीकरण के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत होने की बात भी खूब चर्चा में रही। सच्चाई इससे कहीं अलग ही है। लोक निर्माण विभाग के एनएच निर्माण खंड के सहायक अभियंता मानवेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि वार्षिक योजना में नगर के मेन बाजार के नालों के सुधारीकरण को सैद्धांतिक सहमति मिली है। जिसमें नालों के चैंबर और हरबर्टपुर रोड की ओर नाले के निर्माण की योजना है। इसका इस्टीमेट बनाकर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।