भारत में डेल्टा वैरिएंट की मौजूदगी सबसे ज्यादा है, जिसके चलते टीकाकरण के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। इन्साकॉग ने बुलेटिन जारी करते हुए डेल्टा वैरिएंट पर चिंता जताई है। अब तक 72 हजार से अधिक सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग हुई है जिनमें 20 हजार से ज्यादा सैंपल में डेल्टा वैरिएंट मिल चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार देश में अब तक 72931 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग हुई है, जिनमें से 30230 में कोरोना के गंभीर वैरिएंट मिल चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा 20324 सैंपल में डेल्टा वैरिएंट मिला है। डेल्टा से ही निकले कप्पा और डेल्टा-15407 सैंपल में मिला है। इनके अलावा 4218 में एल्फा, 218 में बीटा और दो सैंपल में गामा वैरिएंट मिला है।
इन्साकॉग के अनुसार अब तक डेल्टा वैरिएंट में ही 13 म्यूटेशन हो चुके हैं जिनमें से पांच भारत में भी हैं। अमेरिका, ब्रिटेने व चीन सहित दुनिया के 100 से भी ज्यादा देशों में डेल्टा वैरिएंट की वजह से ही महामारी फिर बढ रही है।
भारत में डेल्टा से जुड़े एवाई.1, एवाई.2, एवाई.3 (डेल्टा प्लस) के नए मामले बीते जुलाई में महाराष्ट्र में देखे गए हैं। हालांकि इस समय इनमें से किसी भी म्यूटेशन का असर डेल्टा की तरह देखने को नहीं मिला है। इन्साकॉग ने एक रिपोर्ट में ब्रिटेन का हवाला देते हुए कहा कि 6.7 करोड़ की आबादी वाले देश में अब तक 18 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और यहां 1.20 लाख लोग वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हुए हैं।