जौनसार बावर की खत शैली के ग्रामीणों ने बैठककर समाज हित के नौ अहम फैसले लिए। सर्वसम्मति निर्णय लिया गया कि वैवाहिक कार्यक्रमों में अब महिलाएं नाक में फुली, कान में झुमकी या तूंगल और गले में कांडुडी या मंगलसूत्र ही पहन सकेंगी। खास बात यह है कि इन निर्णयों का उल्लंघन करने वाले परिवार के कार्यक्रम में खतवासी शामिल नहीं होंगे। साथ ही संबंधित परिवार से एक लाख रुपये दंड वसूला जाएगा।अंग्रेजी शराब या बियर और फास्ट फूड (चाऊमीन, मोमो, टिक्की, चाट) नहीं परोसे जाएंगे।वैवाहिक कार्यक्रमों में परिवार की शादीशुदा बेटी की ओर से दिया जाने वाला बकरा भी स्वीकार नहीं होगा।खत के सदर स्याणा राजेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में गांव दोहा में हुई बैठक में 25 गांवों के ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया।रहिणी भोज में मिठाई व फल दिए जा सकते हैं, लेकिन ड्राई फ्रूट व गिफ्ट नहीं दिए जाएंगे। उपहार स्वरूप चांदी का सिक्का देना भी प्रतिबंधित रहेगा। इससे पूर्व चकराता तहसील की ग्राम पंचायत खारसी, मानुवा, गेहरी, कंदाड़ आदि में भी महिलाओं के अधिक आभूषण पहनने पर प्रतिबंध से संबंधित फैसले लिए जा चुके हैं। फैसले के तहत महिलाएं केवल सोने के तीन गहने ही पहन सकती हैं।

