Uttarakhand Weather Update : फिलहाल उत्तराखंड में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है वहीं तापमान में तेजी भी आ सकती है। सोमवार को राजधानी देहरादून सहित सभी इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। वहीं अब सुबह-शाम भी गर्मी का अहसास होने लगा है। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने की संभावना है।
मौसम शुष्क बने रहने की संभावना
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि फिलहाल मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है। बारिश नहीं होने व पश्चिमी हवाएं चलने से तापमान में तेजी आएगी।
बर्फ इतनी कि हेमकुंड साहिब नहीं जा पाई टीम
वहीं श्री हेमकुंड साहिब यात्रा को लेकर गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने कवायद शुरू कर दी हैं। बर्फबारी से हुए नुकसान का जायजा लेने गुरुद्वारा कमेटी की टीम को हेमकुंड साहिब जाना था, लेकिन बर्फ अधिक होने के कारण वह धाम के मुख्य पड़ाव घांघरिया से ही रेकी कर वापस लौट आई। टीम का कहना है कि हेमकुंड साहिब में इस समय दस फीट से अधिक बर्फ है।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधन कमेटी की टीम प्रबंधक सेवा सिंह के नेतृत्व में बर्फबारी से हुए नुकसान का जायजा लेने घांघरिया स्थित गुरुद्वारा परिसर तक ही जा पाई। लौटने पर प्रबंधक ने बताया कि घांघरिया में अभी दो से तीन फीट तक बर्फ जमी हुई है। लेकिन, परिसंपत्तियों को नुकसान कम होने का अनुमान है।
बताया कि हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर बर्फ की मोटी चादर बिछी होने के कारण टीम घांघरिया से आगे नहीं जा पाई। बावजूद इसके अप्रैल में सेना पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर देगी। धाम के कपाट कब खोले जाएंगे, इसका निर्णय ट्रस्ट की्र अगली बैठक में लिया जाएगा।
उधर, गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत बिंद्रा ने बताया कि शीतकाल के दौरान हेमकुंड साहिब में भारी बर्फबारी हुई, जिससे फिलहाल घांघरिया से आगे जाना संभव नहीं है। हेमकुंड साहिब में भी दस फीट से अधिक बर्फ है। पैदल मार्ग पर रामढुंगी में भारी-भरकम हिमखंड आया हुआ है। इसके अलावा भारी बर्फबारी से विद्युत और संचार लाइन को भी नुकसान पहुंचा है।
गर्मियों से पहले विद्युत लाइन दुरुस्त करने की चुनौती
गर्मियों का मौसम सिर पर है और ऊर्जा प्रदेश की ऊर्जा कम होने की चिंता बढ़ रही है। भीषण गर्मी के दौरान बत्ती गुल न हो, इसके लिए ऊर्जा निगम की ओर से अभी से कसरत शुरू कर दी गई है। प्रमुख शहरों में बंच केबल बिछाने के साथ ही विद्युत लाइनों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।
हालांकि, अगले एक पखवाड़े में ज्यादातर कार्य पूर्ण करना ऊर्जा निगम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। निगम बंच केबल के जाल का विस्तार कर लाइन लास और फाल्ट रोकने का दावा कर रहा है। गर्मी आने पर आम उपभोक्ता को विद्युत कटौती से कितनी राहत मिल पाती है, यह तो वक्त ही बताएगा।
बंच केबल से रुकेगा लाइन लास, हादसों में आएगी कमी
बंच केबल के माध्यम से सब स्टेशन से उपभोक्ता तक सुरक्षित तरीके से बिजली पहुंचाई जाती है। इस दौरान लाइन लास बेहद कम होने के कारण वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से भी निजात मिलती है। बंच केबल इंसुलेशन के कवर में रहता है। इसी कारण इसे इंसुलेटेड केबल भी कहा जाता है। इससे किसी भी दुर्घटना की संभावनाएं कम हो जाती है। इसके अलावा बंच केबल पर टहनियां गिरने पर भी बत्ती गुल नहीं होगी और बिजली चोरी पर भी नकेल कसी जा सकेगी।
शहरी क्षेत्रों में विद्युत वितरण व्यवस्था के उच्चीकरण के तहत बंच केबल लगाई जा रही हैं। पुरानी और जर्जर विद्युत लाइनों को बदला जा रहा है। इससे विद्युत आपूर्ति में सुधार आएगा। उम्मीद है गर्मियों में अनावश्यक कटौती या फाल्ट के कारण आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सकेगा।
-अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक, ऊर्जा निगम