उत्तराखंड में युवाओं की जरूरत के हिसाब से योजनाएं बनाने के लिए सरकार पहली बार कौशल जनगणना कराने जा रही है। कौशल विकास समिति ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।प्रदेश में रोजगार, स्वरोजगार की बढ़ती जरूरतों के बीच अब सरकार कौशल जनगणना से ये देखना चाहती है कि कितनी कौशल की जरूरत है और किस कौशल में कार्मिकों की ज्यादा रूचि है। देश में अभी तक आंध्र प्रदेश के मंगलगिरी विधानसभा और थुल्लूर मंडल में कौशल जनगणना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है।कौशल जनगणना के नोडल पंकज कुमार ने बताया कि शासन ने इसकी अनुमति दे दी है। अभी डीपीआर बनाने के लिए कंसलटेंसी का चयन किया जा रहा है। इसके बाद ही इसकी रूपरेखा स्पष्ट होगी।एकत्रित डाटा के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। लोगों को सही नौकरी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
