सोमवार-मंगलवार की रात दून में हुई बारिश से कई इलाकों में आपदा आई, दून की बारिश ने 101 साल बाद बारिश का नया रिकॉर्ड भी बनाया। मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में अकेले सहस्रधारा में 264.0 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से बहुत अधिक है। इससे पहले इतनी बारिश साल 1924 की तीन सितंबर को 212.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो अब तक का ऑलटाइम रिकॉर्ड था।दूसरे नंबर पर सबसे अधिक बारिश मालदेवता में 149.0 एमएम बारिश दर्ज की गई। कालसी में 119.5, नैनीताल में 105.0 एमएम बारिश हुई। प्रदेशभर की बात करें तो देहरादून में सबसे अधिक बारिश हुई। यहां 66.7 एमएम बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 1136 फीसदी अधिक है।मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मूसलाधार बारिश का मुख्य कारण ईस्टरली-वेस्टरली वेदर सिस्टम का मिलना रहा। ईस्टरली हवाएं पूर्व से पश्चिम की ओर चलती हैं, जबकि वेस्टरली हवाएं पश्चिम से पूर्व की ओर चलती हैं। ये दोनों हवा प्रणालियां पृथ्वी के घूमने के कारण कोरिओलिस प्रभाव से उत्पन्न होती हैं, जो वायुमंडलीय परिसंचरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएम तोमर ने बताया कि मानसून के दिनों में अक्सर यह वेदर सिस्टम देखने को मिलता है लेकिन 15 और 16 सितंबर को इसका प्रभाव अधिक देखने को मिला। इसके चलते प्रदेशभर के कई इलाकों में भारी से भारी बारिश हुई। हालांकि इस वेदर सिस्टम का प्रभाव अब कम हुआ है।
