
आढ़त बाजार की शिफ्टिंग का जो अड़ंगा 126 करोड़ रुपए के मुआवजे पर अटका था, वह अब दूर हो गया है। हडको से 50 करोड़ रुपए का ऋण मिलने के बाद भी मुआवजा नहीं बंट पा रहा था। अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की बोर्ड बैठक में मुआवजा वितरण का प्रस्ताव पास हो जाने के बाद सभी अड़चन दूर हो गई हैं।गांधी रोड पर आढ़त बाजार के साथ ही तहसील चौक के बीच 430 भू-स्वामी/किराएदार ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जो आढ़त बाजार शिफ्टिंग और सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं। इनमें से 350 ने परियोजना के तहत मुआवजे या नए स्थल पर प्लाट या दोनों विकल्प चुने हैं। वहीं, 80 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें सिर्फ मुआवजे का विकल्प अपनाया है। सभी को मिलाकर कुल 126 करोड़ रुपए के मुआवजे का आकलन किया गया था।आढ़त बाजार की शिफ्टिंग का कार्य दो अलग अलग योजनाओं के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। पहली योजना में पटेल नगर कोतवाली के पास की भूमि पर नए आढ़त बाजार का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है।वहीं, दूसरी योजना आढ़त बाजार की शिफ्टिंग के साथ ही सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच सड़क चौड़ीकरण की है। इस कार्य के बिना आढ़त बाजार शिफ्टिंग की योजना को सफल नहीं माना जा सकता। सड़क चौड़ीकरण का कार्य इसलिए अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, क्योंकि शिफ्ट होने वाले आढ़तियों को मुआवजा नहीं बंट पाया था।