भाजपा और कांग्रेस ने इस चुनाव में कुल 13 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। अगर इनमें से आधी महिलाएं भी चुनाव जीतने में कामयाब हुईं तो पिछले चार आम चुनाव का रिकार्ड टूट जाएगी। क्योंकि, उत्तराखंड के किसी विधानसभा चुनाव में पांच से अधिक महिलाएं विधायक का चुनाव नहीं जीत सकी। हालांकि, पिछली विधानसभा में पिथौरागढ़ से चंद्रा पंत और थराली से मुन्नी शाह उपचुनाव के जरिये विधानसभा में जरूर पहुंची। भाजपा ने इस बार चंद्रा पंत को फिर मैदान में उतारा। लेकिन मुन्नी शाह को टिकट नहीं दिया।2022 के रण में भाजपा ने आठ और कांग्रेस ने पांच महिलाओं को टिकट दिया है। भाजपा ने दून कैंट में सविता कपूर, कुंवरानी देवयानी खानपुर, रेणु बिष्ट यमकेश्वर, चंद्रा पंत पिथौरागढ़, रेखा आर्य सोमेश्वर, सरिता आर्य नैनीताल, शैलारानी रावत केदारनाथ और ऋतु खंडूरी को कोटद्वार से टिकट दिया है। कांग्रेस महिलाओं को टिकट देने में इस बार पिछड़ गई। उसने लैंसडाउन से अनुकृति गुंसाई रावत, गोदावरी थापली मसूरी, ममता राकेश भगवानपुर, मीना शर्मा भगवानपुर और हरिद्वार ग्रामीण से अनुपमा रावत को टिकट दिया है। दस मार्च को पता चलेगा कि कितनी महिलाएं चुनावी रण में विजयी रही।लालकुआं सीट पर पार्टी ने पहले पूर्व प्रमुख संध्या डालाकोटी को टिकट दिया था। मगर बाद में पूर्व सीएम हरीश रावत को प्रत्याशी बना दिया। यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद टिकट न मिलने से नाराज सुनीता बाजवा टम्टा आप में शामिल हो गई। अब संध्या निर्दलीय और सुनीता आप के टिकट से चुनाव लड़ रही है।