
नया वित्तीय वर्ष 2025-26 शुरू हो गया है। वित्त विभाग ने सभी प्रशासकीय विभागों के लिए बजट आय और व्यय के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस वित्तीय वर्ष से कैंपा की धनराशि का उपयोग केंद्र पोषित योजना की तर्ज पर होगा।मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने यह निर्णय किया था, जिसे वित्त विभाग ने अपने दिशा-निर्देशों में शामिल कर दिया है। सचिव वित्त दिलीप जावलकर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, पूंजीगत परिव्यय में से स्वीकृत धनराशि का 80 प्रतिशत चालू योजनाओं पर होगा। नई योजनाओं पर केवल 20 फीसदी धनराशि खर्च हो सकेगी।पूंजीगत कार्यों के लिए नई वित्तीय स्वीकृति अंतिम तिमाही में न दी जाए। इसके लिए विभागाध्यक्ष, प्रशासनिक विभाग के साथ संबंधित वित्त व्यय नियंत्रण विभाग जवाबदेह बनाया गया है। वित्त विभाग ने प्रतीक(टोकन) धनराशि के आधार पर योजनाओं को स्वीकृति की परंपरा को उचित नहीं माना है।हर वर्ष की तरह वित्त विभाग ने सभी विभागों को किफायत बरतने के निर्देश दिए हैं। एक करोड़ रुपये से अधिक के नए कार्यों की स्वीकृति वित्त विभाग तभी देगा जब उस पर गति शक्ति पोर्टल से जनरेटेड यूनिक आईडी का जिक्र होगा। विभागों को 30 अप्रैल तक योजनावार कार्यों की रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजनी होगी।