
वन मंत्री रहे और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ी कार्रवाई की है।कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर हजारों पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण के साथ ही जमीन फर्जीवाड़े के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिसंबर 2024 से ही जांच तेज कर दी थी। ईडी ने हरक की पत्नी दीप्ति रावत और उनकी करीबी रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा के बाद हरक सिंह के पुत्र तुषित से पूछताछ की थी।ईडी ने हरक सिंह रावत की सहसपुर क्षेत्र में 70 करोड़ रुपए की करीब 101 बीघा भूमि को अटैच कर दिया है।ईडी जांच में पाया था कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया ने हरक सिंह रावत के साथ आपराधिक साजिश करते हुए एक जमीन की 02 पवार ऑफ अटॉर्नी पंजीकृत कराई। हालांकि, कोर्ट ने संबंधित भूमि के विक्रय विलेख रद्द कर दिए थे।बावजूद इसके भूमि को अवैध रूप से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और उनकी करीबी लक्ष्मी राणा को बेचा जाना दिखाया गया। जिस भूमि पर बाद श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण भी किया गया। पूर्व की पूछताछ में ईडी अधिकारियों को कई बातें ऐसी पता चलीं, जिन्हें मनी लांड्रिंग का हिस्सा माना गया। यही वजह है कि अब ईडी के अधिकारियों ने हरक सिंह रावत से जुड़ी सहसपुर की भूमि को अटैच करने का बड़ा कदम उठाया।