काबुल हाउस पर जिला प्रशासन ने 40 वर्षों की जिद्दोजहद के बाद आखिरकार अपना कब्जा जमा लिया है। शनिवार को प्रशासन की मशीनरी ने यहां अवैध रूप से बनाए गए 15 भवनों को ध्वस्त कर दिया। ताकि यहां की संपत्ति पर दोबारा कब्जा न किया जा सके।जिलाधिकारी सोनिका की कोर्ट ने 17 अक्टूबर को हाउस खाली करने के आदेश दिए थे। अवैध कब्जेदारों को 15 दिन का समय दिया गया था। तय समय के भीतर कब्जा न छोड़ने पर प्रशासन ने दो नवंबर को जबरन काबुल हाउस के भवन खाली करा लिए थे। साथ ही संपत्ति को सील कर दिया था। उसी दौरान आठ परिवार त्योहारी सीजन पर बेदखली के विरोध में हाई कोर्ट चले गए थे।मानवीय आधार पर कोर्ट ने इन परिवारों को एक दिसंबर तक कि मोहलत दी थी। कोर्ट से मिली राहत के क्रम में आठ परिवार वापस लौट आए थे। हालांकि, कोर्ट की अवधि एक दिसंबर से पहले ही संबंधित परिवारों ने काबुल हाउस की संपत्ति खाली कर दी थी।अब जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर तहसीलदार शादाब के नेतृत्व में पहुंची टीम ने 15 आवास को ध्वस्त कर दिया है। जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक काबुल हाउस पर सराकर के पक्ष में पूर्ण स्वामित्व प्राप्त कर लिया गया है। अब सरकार ही इसके जनहित में किसी प्रयोजन पर निर्णय लेगी।