उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों की छपाई से लेकर परिणाम प्रकाशित करने तक में धांधली करने वालों को अब अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है और उन पर 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे काम से हुई कमाई से जुटाई गई उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने राज्य में भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और धांधली की रोकथाम के लिए जारी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में नकल की रोकथाम और निवारण के उपाय) नामक अध्यादेश ने कानून का रूप ले लिया है। इसे देश में सबसे कड़ा नकल रोकथाम कानून बताया जा रहा है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अध्यादेश को मंजूरी देने के लिए राज्यपाल का आभार जताया। धामी ने एक ट्वीट में कहा, अब प्रदेश में होने वाली प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा में नकल रोधी कानून लागू होगा। उन्होंने कहा, हमारी सरकार की ओर से भेजे गए देश के सबसे सख्त नकल रोधी कानून के अध्यादेश को माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह की ओर से त्वरित रूप से स्वीकृत किए जाने पर हार्दिक आभार। मुख्यमंत्री ने कहा, युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए हम नकल माफिया को जड़ से उखाड़ने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं। धामी ने भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए गुरुवार को ही अध्यादेश जारी करने को अपनी मंजूरी दी थी। इसके बाद, शुक्रवार देर रात राज्यपाल ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी। बता दें कि हाल के महीनों में राज्य में प्रश्नपत्र लीक होने के कई मामले सामने आए, जिसके चलते पिछले कुछ दिनों में बेरोजगार युवाओं ने देहरादून की सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए हैं।
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December 22, 2024