अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपए के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को बुधवार वापस ले लिया था. इसके बाद गौतम अडानी (Gautam Adani) ने खुद सामने आकर निवेशकों को समझाया है और FPO को वापस लेने की वजह भी बताई है. 20,000 करोड़ रुपए के लिए ये FPO 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 31 जनवरी को फुल सब्सक्राइब होकर क्लोज हुआ था.अडानी ने कहा कि पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए एफपीओ के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा. बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने गहनता से महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना उनके लिए नैतिक रूप से सही नहीं होगा. शेयर बाजार में हलचल और मार्केट में उठापटक को देखते हुए कंपनी का उद्देश्य अपने निवेशकों के हितों की रक्षा करना है. इसलिए हम FPO से प्राप्त रकम को हम वापस करने जा रहे हैं और इससे जुड़े लेन-देन को खत्म कर रहे हैं.अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई है. बुधवार को अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में एक ही दिन में 28 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई.एफपीओ वापस लेने की घोषणा के बाद अडानी ग्रुप ने एक बयान में कहा कि मौजूदा समय में बाजार की अस्थिरता और अभूतपूर्व परिस्थितियों के चलते कंपनी ने अपने निवेशकों का हित सुरक्षित रखने के लिए एफपीओ वापस लेने काफस्ला किया है. कंपनी इस पूरी हो चुकी प्रक्रिया को खत्म करेगी.अडानी एंटरप्राइजेज का 20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ देश के सबसे बड़े एफपीओ में से एक था. इस एफपीओ को गैर-संस्थागत निवेशक, हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स और अन्य उद्योगपतियों से अच्छा समर्थन मिला था.इतना ही नहीं LIC जैसे बड़े वित्तीय संस्थानों ने भी इसमें पैसा लगाया था. एफपीओ को 1.25 गुना सब्सक्राइब किया गया था. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद सवालों के कठघरे में आने वाली एलआईसी ने बयान जारी कर कहा था कि उसका समूह में बहुत मामूली निवेश है. लेकिन वह समूह से इस रिपोर्ट को लेकर सवाल करेगी. अडानी समूह की कंपनियों में SBI समेत कई बड़े सरकारी बैंकों का निवेश है.हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी समूह के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की. रिपोर्ट में अडानी समूह पर अपने शेयर के भाव बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने और अकाउंटिंग फ्रॉड करने के आरोप लगाए गए. इस रिपोर्ट के जवाब में अडानी समूह ने 400 से ज्यादा पेज का एक जवाब भी हिंडनबर्ग रिसर्च को दिया.
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December 23, 2024