भर्ती परीक्षाओं में नकल करने और कराने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने का सरकार का फैसला देश में नजीर बनेगा. इसके संदेश दूर तक जाएंगे.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अनेक भर्ती परीक्षाओं में लगातार हुई गड़बड़ियों से तंग आ चुके हैं. उनके पास इसके अलावा कोई चारा भी नहीं था. यह नया कानून लागू होते ही कोहराम मचने वाला है, क्योंकि राज्य बहुत छोटा है और आबादी भी कम है.अगर नकल करने वाले सौ-दो सौ युवा भी कार्रवाई की जद में आ गए तो भर्ती के लिए आवेदन के पहले युवा नकल करने के बारे में तीन बार सोचेंगे.कारण यह है कि किसी युवा के खिलाफ 25 वर्ष की उम्र में कार्रवाई हुई तो 35 वर्ष तक तो वह कोई एग्जाम दे नहीं पायेगा. उसके बाद आरक्षण के सहारे हो सकता है कि कहीं कोई एग्जाम में बैठ पाए, अन्यथा जीवन भर केवल पश्चाताप करने के अलावा उसके और परिवार के पास कोई चारा नहीं होगा.नकल कराने वाले, सहयोग करने वाले छोटे-बड़े सौ से ज्यादा अफसर, मातहत और उनके सहयोगी इस समय किसी न किसी भर्ती परीक्षा की वजह से ही जेल में हैं. यह नया कानून इन सब पर भी लागू होना है. इनके जेल में रहते हुए ही संपत्ति जब्त हो जाएगी. इसमें दस साल की सजा का प्रावधान भी है.अभी तक जितनी भर्तियों में गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है, उसके आगे-पीछे हुए कई और एग्जाम जांच की जद में आ गए हैं. कार्रवाई देर-सबेर उनमें भी होने वाली है उसके बाद बड़ी संख्या में अभी और लोग बेनकाब होंगे. विधान सभा में भर्ती की जांच चल रही है. यूकेसीएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक के मास्टर माइंड हाकम सिंह की सोशल मीडिया की एक पोस्ट से साल 2015 में हुई दरोगा भर्ती के तार जुड़ गए. उस समय भर्ती हुए 20 दरोगा अभी तक सस्पेंड हो चुके हैं. कई के खिलाफ और कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इसमें मददगार भी धरे जायेंगे.जिस पटवारी भर्ती घोटाले में आयोग का अनुभाग अधिकारी पत्नी समेत जेल में है,उससे जुड़ी कई परीक्षाओं की जांच शुरू हो चुकी है.माना जा रहा है कि गड़बड़ी उन परीक्षाओं में भी मिलनी तय है क्योंकि गिरफ्तार अनुभाग अधिकारी लंबे समय से अपनी सीट पर डटा हुआ था. परीक्षा की सुचिता बनाने की जिम्मेदारी उसी पर थी.एक मामले का खुलासा होने के साथ ही सरकार ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है.एक अनुमान के अनुसार इस समय भर्ती घोटालों की कम से कम दो दर्जन जांचें अलग-अलग एजेंसियां घोषित-अघोषित तौर पर कर रही हैं.मुख्यमंत्री धामी का ताजा फ़ैसला इस बात का संकेत है कि वे अब इस मामले को जड़ से उखाड़ फेंकने के मूड में हैं.उन्हें चिढ़ाने का काम नकल कराने वालों ने खूब किया.भर्ती घोटालों में जबरदस्त कार्रवाई करने के बाद सीएम को लगा कि मामला अब समाप्ति की और है तो उन्होंने एक दिन कह दिया कि अब किसी की हिम्मत नहीं है कि वह नकल के बारे में सोच सकें. ठीक दो दिन बाद पटवारी भर्ती घोटाले का खुलासा हो गया. उसी दिन तय हो गया था कि अब धामी रुकेंगे नहीं.कुछ ऐसा ठोस करेंगे कि नजीर बनेगा. उन्होंने कानून बनाने का फैसला करके इपने इरादे जाहिर कर दिए.
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December 23, 2024